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महात्मा गांधी स्कूल बने प्रयोगशाला, अब संविदा भर्ती से सहारे की आस

स्थायी शिक्षकों को हटाकर महात्मा गांधी स्कूलों में लगाएंगे संविदा शिक्षक

सीकरJul 29, 2023 / 12:23 pm

Ajay

महात्मा गांधी स्कूल बने प्रयोगशाला, अब संविदा भर्ती से सहारे की आस

महात्मा गांधी स्कूल बने प्रयोगशाला, अब संविदा भर्ती से सहारे की आस

राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल महात्मा गांधी स्कूल प्रयोगशाला बनकर रह गए है। विभाग ने पहले इन स्कूलों में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार के जरिए शिक्षकों को लगाया और अब साक्षात्कार से चयनित स्थायी शिक्षकों को हटाकर उनकी जगह संविदा शिक्षकों को महात्मा गांधी स्कूलों में लगाने की तैयारी कर ली है। इससे पहले विभाग ने महात्मा गांधी स्कूलों में रिक्त पदों को भरने के लिए के लिए विभाग के शिक्षकों से आवेदन मांगे थे, जिन्हें बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब दुबारा साक्षात्कार के माध्यम से चयनित अपने ही विभाग के स्थायी शिक्षकों के स्थान पर संविदा शिक्षकों को नियुक्त करने का विभाग का निर्णय शिक्षक समाज को रास नहीं आ रहा है तथा शिक्षक संगठनों ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।

यह है मामला: हिन्दी माध्यम के शिक्षकों को वापस भेजने की तैयारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में कई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूले खोली थी। इन स्कूलों में स्टाफ की नियुक्ति के लिए विभाग की ओर से पहले से शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों के इंटरव्यू लिए थे। पहले चरण में दिसंबर 2021 में आयोजित इंटरव्यू में चुने गए शिक्षकों को जनवरी 2022 में तथा दूसरे चरण में मई 2022 में आयोजित इंटरव्यू में चुने गए शिक्षकों को जुलाई 2022 में महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों में लगाया गया था। इसके बाद भी कई स्कूलों में पद रिक्त रह जाने पर विभाग ने रिक्त पदों पर संविदा के आधार पर सहायक शिक्षकों को लगाने की प्रक्रिया शुरू की। प्रक्रिया के तहत संविदा आधारित सहायक शिक्षकों का चयन कर उन्हें जिले भी आवंटित कर दिए गए है। यहां दिलचस्प बात यह है कि विभाग ने रिक्त पदों की तुलना में कहीं अधिक संविदाकर्मियों को जिले आवंटित कर दिए। ऐसे में इन संविदा शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए अब विभाग ने पहले से इंटरव्यू के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में लगाए गए शिक्षकों को अधिशेष मानकर वापस हिन्दी माध्यम में भेजने के निर्देश दे दिए है। अर्थात अपने विभाग के स्थायी शिक्षकों के स्थान पर महात्मा गांधी स्कूलों को संविदा शिक्षकों के भरोसे चलाने की तैयारी शिक्षा विभाग ने कर ली है।

यूं समझे गणित
जिले की ही बात की जाए तो यहां लेवल-1 के 137, लेवल-2 (अंग्रेजी) के 41 तथा लेवल-2 (गणित-विज्ञान) के 83 संविदाकर्मियों को सीकर जिला आवंटित किया गया है लेकिन सीकर जिले में संचालित महात्मा गांधी स्कूलों में लेवल-2 (गणित-विज्ञान) के 41 पद ही रिक्त है। इनके अलावा 40 अन्य महात्मा गांधी स्कूलों में इंटरव्यू के माध्यम से चयनित शिक्षक लेवल-2 (गणित-विज्ञान) के पदों पर कार्यरत है। ऐसे में शेष रहे संविदा शिक्षकों को लगाने के लिए इंटरव्यू के माध्यम से चयनित शिक्षकों को वापस हिन्दी माध्यम में भेजने के निर्देश निदेशालय ने जारी कर दिए है।

.. तो वापस खाली रह जाएंगे पदगी
एक्सपर्ट का कहना है कि संविदा पर कार्यरत प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का आने वाले समय में स्थायी भर्ती में चयनित होते ही संविदा की नौकरी छोडक़र जाना तय है, ऐसे में महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों के पद फिर से रिक्त हो जाएंगे और शिक्षण व्यवस्था बाधित होगी।।

शिक्षकों में भी नाराजगी
विभाग के इस निर्णय से शिक्षक समाज में भी काफी नाराजगी है। महात्मा गांधी विद्यालय में कार्यरत शिक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग के जिलास्तर के विशेषज्ञ अधिकारियों के पैनल ने ही इंटरव्यू लेकर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों का चयन किया था और अब संविदा शिक्षकों के लिए उन्हें वापस हटाना समझ से परे तथा निराशाजनक निर्णय है।

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