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सीकर

लोहार्गल लक्खी मेला 2018 : CCTV और ड्रोन से रखी जा रही निगरानी, 300 जवान भी तैनात

राजस्थान के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से लोहार्गल धाम में इन दिनों बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा और लक्खी मेला 2018 परवान है।

सीकरSep 08, 2018 / 04:32 pm

vishwanath saini

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लोहार्गल (झुंझुनूं).
राजस्थान के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से लोहार्गल धाम में इन दिनों बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा और लक्खी मेला 2018 परवान है। परिक्रमा अंतिम दौर में पहुंच चुकी हैं, वहीं अब मेला भरेगा। मेले में भादवे की अमावस्या को आस्था का सैलाब उमड़ेगा।

ऐसा रहा परिक्रमा का नजारा

बेगी सी पार करा दे रे बाबा नीमड़ी घाटी…, म्हे चालां बाबा मालखेत के धाम…, अबकी मावस सुणज्ये भक्तां की पुकार… जैसे सुरमयी भजन, पहाड़ी पर चढ़ाई के साथ ऊपर तो ढलान में उतरते समय राह तकती आंखें, कहीं धूप तो कहीं गर्मी का असर, भक्ति और लगन…। पथरीली और दुर्गम डगर की परेशानी, लेकिन मन में उमंग और उत्साह ऐसा कि लाखों श्रद्धालु पैदल बढ़ते चले जा रहे हैं।

लोहार्गल के बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा के मार्ग में हर तरफ ऐसे ही नजारे नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को बारा-तिबारा से नीमड़ी घाटी की दुर्गम चढ़ाई से लेकर रघुनाथगढ़ की नदी तक हर तरफ श्रद्धा का रैला दिखाई दे रहा था। अरावली की सुरम्य पर्वत श्रंखलाओं में पिछले 4 दिन से चल रहा 24 कोसीय परिक्रमा का सफर अब परवान पर पहुंच चुका है। मार्ग में श्रद्धालुओं की जबर्दस्त भीड़ नजर आ रही है।

शोभावती से नीमड़ी घाटी और रघुनाथगढ़ तक परिक्रमार्थियों के अलावा और कुछ नजर नहीं आ रहा है। हरियाली की चादर ओढ़ी पहाडिय़ों के बीच रंग-बिरंगें श्रद्धालु बाबा मालकेत के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। गोगानवमी से शुरू हुई लोहार्गल की इस परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को सबसे दुर्गम नीमड़ी की घाटी को पार किया।इस दौरान बुजुर्गों व बच्चों का हौसला देखते ही बन रहा था। रघुनाथगढ़ में रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को परिक्रमार्थियों का कारवां डाब क्यारी, खोरी कुंड होते हुए गोल्याणा पहुंचेगा।

शुक्रवार को अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की टोलियां शाकं भरी, भगोगा, कालाखेत ,टपकेश्वर महादेव से, खाकी अखाड़ा, शोभावती व नीमड़ी की घाटी होते हुए रघुनाथगढ़ पहुंचने लगी। परिक्रमा की अगुवाई कर रहे अखिल भारतीय चतुर्थ सम्प्रदाय के महंत दिनेशदास महाराज के सानिध्य में संतों की टोली खाकी अखाड़ा में स्नान के बाद नीमड़ी की घाटी पार कर ठाकुरजी की पालकी के साथ रघुनाथगढ़ पहुंच गई। पालकी शनिवार को दोपहर बाद लोहार्गल पहुंचेगी, इसके साथ ही तीर्थराज लोहार्गल का वार्षिक लक्खी मेला शुरू हो जाएगा।

हर तरफ सेवा शिविर

लोहार्गल व परिक्रमा मार्ग में समाज सेवी संस्थाओं की ओर से जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए हैं। शिविरों में श्रद्धालुओं के लिए भोजन, अल्पाहार के साथ दवाइयों की भी निशुल्क व्यवस्था की गईहै। अग्रवाल समाज उदयपुरवाटी, नामदेव स्मृति संस्थान, बालाजी विकास समिति घाणा, नाथ सेवा समिति उदयपुरवाटी, नोमीनाथ सेवा समिति चिड़ावा, बाबा सेवा संघ सीकर, बालाजी सेवा मण्डल नवलगढ़, बाबा मालखेत सेवा समिति गुहाला, साथी सेवा मण्डल मण्डावरा, देने वाला राम-पाने वाला राम समिति नवलगढ़ समेत कई संस्थाओं ने सेवा शिविर लगाए हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

लोहार्गल के लक्खी मेले 2018 में सीसीटीवी और ड्रॉन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। ग्राम पंचायत, जाट धर्मशाला, शिव गौरा मंदिर में सुपरवाइजिंग कैम्प व कंट्रोल रूम बनाया गया है। मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोहार्गल में तीन सौ से अधिक जवान तैनात किए गए हैं। उदयपुरवाटी, खेतड़ी, नवलगढ़, मुकुंदगढ़, झुंझुनूं के थानों से जाब्ता लगाया गया है। अलवर से आरएसी का जाब्ता भी लगाया गया है।

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