एपीपी गोपाल सिंह ने बताया कि घटना 29 सितंबर 2019 की थी। सुनीता नाम की महिला पिपराली रोड पर बालाजी हॉस्टल में वार्डन का काम करती थी। मृतका अपने पति सांवरमल पुत्र भूराराम 36 वर्ष निवासी तिबरिया बस्सी, जोबनेर, जयपुर की प्रताड़नाओं से परेशान होकर वार्डन के रूप में नौकरी करके अपना जीविकोपार्जन कर रही थी। वह सुबह 9.30 बजे के करीब हॉस्टल के गेट पर बैठी हुई थी। उसका पति सांवरमल वहां आया। दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। झगड़े में सांवरमल ने अपनी पत्नी के सिर पर ईंट से कई वार करके हत्या कर दी। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। मामले में न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या-1 के न्यायाधीश जगदीश प्रसाद मीना ने आरोपी सांवरमल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
कोर्ट की भी तल्ख टिप्पणी
न्यायाधीश ने टिप्पणी कि एक स्त्री के जन्म लेने पर उसके विवाह होने तक सुरक्षा की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है। विवाह के बाद यह दायित्व पति पर आ जाता है। आरोपी पर उसकी पत्नी सुनीता के जीवन की ुरक्षा की जिम्मेदारी थी, लेकिन उसी ने मृतका के सिर व चेहरे पर 15 गंभीर चोटें मारी। ऐसे में अभियुक्त नरमी पाने का हकदार नहीं है।