फरवानिया व जलिन्द में रह रहे कामगार रामेश्वरलाल व श्यामसुंदर ने पत्रिका से फोन पर कहा, भारत में काम नहीं मिला तो यहां आए। अब यहां से भेज देंगे तो क्या करेंगे?
कुवैत में विदेशी कामगारों को लेकर अप्रवासी कोटा विधेयक लाने की इन दिनों चर्चा जोरों पर है। इससे इस खाड़ी देश में विदेशी कामगारों की संख्या बहुत कम हो जाएगी। इसमें वहां रहने वाले कुल भारतीयों में से 15 फीसदी को ही रखने का प्रस्ताव है।
ये हैं 3 कारण
वहां की सरकार का मानना है कि कोरोना का ग्राफ बढ़ा तो दूसरे देशों के लोगों के स्वास्थ्य और अन्य सम्बन्धित इंतजाम उसे करने होंगे। कुवैत के नागरिक अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो गए हैं। कुवैत की आबादी लगभग 43 लाख है। इसमें अकेले प्रवासियों की संख्या 30 लाख है। इनमें से 10 लाख से ज्यादा भारतीय हैं।
एक्सपर्ट व्यू…
असर कई देशों पर
फिलहाल यह प्रस्ताव है। इसका असर कई देशों पर होगा। भारत पर ज्यादा इसलिए कि यहां के कामगार 10 लाख से अधिक हैं। इसमें अन्य विदेशी नागरिकों को भी शामिल किया गया है। विधेयक में मिस्र के लोगों की आबादी को भी कुल आबादी का 10 फीसदी करने का प्रावधान है। कुवैत में प्रवासी कामगारों की दूसरी बड़ी तादाद मिस्र के लोगों की है।