1656 में बना था बाबा का मंदिर
इतिहासकारों के मुताबिक यहां स्थित बाबा श्याम के मंदिर की स्थापना 400 साल पुरानी मानी जाती है। ठाकुर हरदय राम ने मूंडरू कस्बे को 1616 में बसाया था। उन्होंने ही 1656 में बाबा श्याम का मंदिर बनवाया था, जो कालांतर में भौगोलिक परिवर्तनों के चलते धरती के गर्भ में समा गया था। 80 के दशक में मूंडरू कस्बा भारी बारिश के चलते जलमग्न हो गया था।
बारिश के पानी के कटाव के चलते गहरा गड्ढा बन गया, जहां खुदाई करने पर बाबा श्याम का प्राचीन मंदिर मिला जिसमें बाबा श्याम की प्रतिमा स्थापित थी। बाद में ग्रामीणों ने दूसरी मंजिल का निर्माण कर खुदाई में निकली प्रतिमा को ऊपर की मंजिल पर स्थापित किया तथा नीचे गर्भ गृह में बाबा श्याम की प्रतीकात्मक प्रतिमा रखी गई। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा श्याम की दो प्रतिमाओं के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।
एकादशी पर आज बाबा का जन्मदिन मनाएंगे
जन्मदिन पर बाबा श्याम के दर्शन के लिए देशभर से लाखों भक्तों की आवाजाही हो रही है। आयोजन समिति की ओर से बाबा के मंदिर को भव्य सजाया गया है। जन्मदिन पर बाबा श्याम की प्रतिमा को कलकता के गजरे के फूलों से सजाया गया है। शाम को बाबा श्याम का जन्मदिन मनाया जायेगा। वहीं भारत के मशहूर कलाकारों के द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।