जिसमें भी उन्हें खाली पदों के आधार पर पहले उसी स्कूल और बाद में उसी राजस्व गांव, ग्राम पंचायत, ब्लॉक या नजदीकी ब्लॉक में प्राथमिकता से नियुक्ति दी जाएगी। शिक्षा निदेशक आशीष मोदी के आदेशों में ये साफ कर दिया गया है। हालांकि समायोजन काउंसलिंग व नए जिलों के हिसाब से होगा या नहीं, इसे लेकर अब भी पसोपेश बना हुआ है।
ये माने जाएंगे अधिशेष
2015 के स्टाफिंग पैटर्न के मापदंडानुसार पद स्वीकृत मानने के बाद अतिरिक्त बचे शिक्षक व कर्मचारी अधिशेष होंगे। हिंदी माध्यम स्कूलों में एक ही पद पर ज्यादा शिक्षक या कर्मचारी होने पर बाद में कार्यग्रहण करने वाले कर्मचारी, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयनित कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद कार्यग्रहण करने के पहले से मौजूद कर्मचारी तथा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कंप्यूटर अनुदेशक या बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के कार्यग्रहण की वजह से पहले से नियुक्त शिक्षक अधिशेष होंगे। न्यायिक प्रकरण में स्टे प्राप्त कर्मचारी अधिशेष नहीं होगा। जबकि इस वजह से संबंधित पद पर अन्य पदस्थापित कर्मचारी अधिेशेष माना जाएगा।
समायोजन में ये भी अहम
- समायोजन शहरी क्षेत्र के अधिशेष कर्मचारियों का शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का गांवों में ही किया जाएगा।
- अंग्रेजी माध्यम के अधिशेष शिक्षक अंग्रेजी व हिंदी माध्यम के अधिशेष शिक्षक पहले हिंदी माध्यम स्कूलों में ही प्राथमिकता से समायोजित होंगे। पद खाली नहीं होने पर ही एक दूसरे माध्यम स्कूलों में समायोजन होगा।
- 6 (3) में शामिल शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में ही लगाया जाएगा। वहां पद खाली नहीं होने पर ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति होगी।
- प्रबोधक, शिक्षाकर्मी, पंचायत शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षक, पैराटीचस व ट्रेनी प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ग्रामीण स्कूलों में ही समायोजित होंगे।
2015 के मापदंड से होगी नियुक्ति
समायोजन 2015 में कक्षा व नामांकन के आधार पर तय कर्मचारियों की संख्या के मापदंड के आधार पर ही होगा। यानी कक्षा एक से 12 तक की स्कूल में 12 सेक्शन पर एक प्रधानाचार्य, पांच व्याख्याता, तीन लेवल-2, दो लेवल-1 तथा एक शाारीरिक शिक्षक नियुक्त होंगे। इसी तरह 6 से 12 स्कूल में लेवल-1 का शिक्षक नहीं होने पर 12 तथा 9 से 12 स्कूल में लेवल-1 व 2 दोनों के शिक्षक नहीं होने पर न्यूनतम 9 शिक्षक कार्यरत होंगे। इसी तरह अलग-अलग कक्षाओं वाली स्कूलों में नामांकन व कक्षाओं के आधार अलग-अलग पद तय होंगे।
काउंसलिंग व नए जिलों को लेकर गफलत
समायोजन नए जिलों के हिसाब से होगा या पुराने ये अब तक साफ नहीं है। ऐसे में अधिशेष शिक्षकों में ये गफलत है कि नए जिलों के नजदीकी ब्लॉक में उनकी नियुक्ति हो पाएगी या नहीं? पदस्थापन के लिए काउंसलिंग की स्थिति भी साफ नहीं होने से पसोपेश बनी हुई है।
विभाग को स्थिति क्लीयर करनी चाहिए- शिक्षक संघ
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि, अधिशेष कार्मिकों के समायोजन के निदेशक महोदय के निर्देशों में न तो नए ज़िलों की स्थिति स्पष्ट है न काउंसलिंग के कार्यक्रम का उल्लेख किया गया है, विभाग को पूरी स्थिति क्लीयर करते हुए पारदर्शी तरीक़े से समायोजन करना चाहिए।