यह है योजना
पिछली गहलोत सरकार की मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत पुरुष बेरोजगारों को तीन तथा महिला एवं विशेष योग्यजन बेरोजगारों को 3500 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है। 2022 में संशोधन के बाद योजना में दो साल के भत्ते के लिए बेरोजगारों को पंचायत राज के अधीन विभागों में दो साल की अवधि तक चार घंटे की इंटर्नशिप प्रतिदिन करनी पड़ती है। पर इंटर्नशिप लगातार जारी रहने के बाद भी योजना में चयनित जिले के करीब 11 हजार बेराजगारों का भत्ता जनवरी महीने से नहीं मिला है।जनवरी बाद नहीं मिला भत्ता
रोजगार कार्यालय के मुताबिक जिले में बेरोजगारी भत्ता सामान्य व ओबीसी वर्ग के बेरोजगारों को तो जनवरी महीने के बाद से नहीं मिला है। जबकि एससी व एसटी वर्ग के बेरोजगार अभ्यर्थियों को ये फरवरी महीने तक का ही मिला है। ऐसे में उन्हें भी 10 महीने से भत्ते का इंतजार है।6631 बेरोजगारों को अप्रूवल का इंतजार
बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने की वजह से योजना में दो साल पूरे कर चुके लाभार्थी योजना से बाहर भी नहीं किए जा सक रहे हैं। ऐेसे में उनकी सीट के लिए कतार में खड़े बेरोजगारों का इंतजार व संख्या भी बढ़ती जा रही है। सीकर की ही बात करें तो पिछले साल अक्टूबर महीने में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को ही नई अप्रुवल नहीं मिलने से 6631 बेरोजगार अधर में अटके हुए हैं। प्रदेश में करीब एक लाख से ज्यादा बेरोजगार इस कतार में है।राजस्थान में निशाने पर गुरुजी… ट्रांसफर और सस्पेंड करने की धमकी देकर ठगी
इनका कहना है
जब बेरोजगारों की इंटर्नशिप लगातार चल रही है तो सरकार को भत्ता भी मासिक रूप से जारी करना चाहिए। रोजगार नहीं मिलने पर बेरोजगार पहले से परेशान रहते हैं, उस पर समय पर भत्ता नहीं मिलने से उनकी अर्थ व्यवस्था ज्यादा प्रभावित होती है। सरकार को प्रदेश के सभी बेरोजगारों को योजना में शामिल करते हुए व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।प्यारेलाल गहलोत, पूर्व जिलाध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ, सीकर