scriptPHOTO : यहां पहाड़ों ने 72 किलोमीटर में ओढ़ी आस्था की चादर, 7 लाख भक्तों ने डाला डेरा | Baba malkets 24 kosiya parikrama in lohargal jhunjhunu | Patrika News
सीकर

PHOTO : यहां पहाड़ों ने 72 किलोमीटर में ओढ़ी आस्था की चादर, 7 लाख भक्तों ने डाला डेरा

ये है राजस्थान के झुंझुनूं जिले में लोहार्गल से शुरू होने वाली बाबा मालकेत की 24 कोसीय परिक्रमा।

सीकरAug 19, 2017 / 03:51 pm

vishwanath saini

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 उदयपुरवाटी. अरावली की वादियों में चल रही मालकेत बाबा की 24 कोसीय (72 किलोमीटर) परिक्रमा परवान पर है। लाखों श्रद्धालु मन में आस्था, भक्ति व श्रद्धा का भाव लिए निरंतर सफर तय कर रहे हैं। पहाडिय़ों में कठिन घाटियों व टेढ़े मेड़े रास्तों को बाबा के जयकारे लगाते हुए पार करते हुए, नाचते गाते अपनी धुन में आगे बढ़ रहे हैं।
किरोड़ी से शोभावती तक श्रद्धालुओं का रैला लगा हुआ है। जिधर देखो उधर श्रद्धालुओं की टोलियां नाचते गाते हुए आस्था के रंग में रंगी हुई नजर आ रही है। श्रद्धालुओं से अटी अरावली की पहाडिय़ां रंग बिरंगी दिखाई दे रही है। कोट बांध, शाकंभरी, नागकुण्ड, भगोवा, कालाखेत शोभावती तक श्रद्धालुओं की कड़ी से कड़ी जुड़ी हुई है।
शुक्रवार को किरोड़ी की घाटी में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इधर शाकंभरी पहुंचे श्रद्धालु शुक्रवार सुबह मां शाकंभरी के दर्शन कर आगे के सफर के लिए रवाना हुए। नागकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, खाकी अखाड़ा से होते हुए शाम को शोभावती में पड़ाव डाला। शनिवार सुबह दुर्गम नीम की घाटी पार करते हुए डाबपनौरा होते हुए शाम को रघुनाथगढ़ में डेरा डाला।
झुुंझुनूं जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इस बार बाबा मालकेत की परिक्रमा के लिए सप्ताह में यहां पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मुख्य मेले के दिन डेढ़ लाख श्रद्धालु आते हैं।

जहां मर्जी हो वहीं चाय-भोजन की व्यवस्था


परिक्रमा में चलने वाले कई लोग अपनी पोटली में बांधकर सारा सामान साथ लेकर आते है। जहां चाय पीने की इच्छा होती है, वहीं बैठकर चाय बना लेते हैं और जहां मर्जी आए वहीं जंगल में चूल्हा बनाकर रोटियां सेक लेते है। हालांकि परिक्रमा के रास्ते में श्रद्धालुओं के लिए जगह जगह निशुल्क भंडारे भी लगे हुए हैं।

पुलिसकर्मियों ने किया संत महात्माओं से अभद्र व्यवहार


कोट बांध पर गुरुवार को पालकी के साथ चल रहे संत महात्माओं के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए कथित अभद्र व्यवहार के बाद संत महात्मा आक्रोशित हो गए और पालकी को शाकंभरी में ही रोक दिया। ठाकुरजी की पालकी आगे नहीं बढऩे से सैकड़ों श्रद्धालु शाकंभरी में एकत्रित हो गए। पालकी के साथ चल रहे अखाड़े के महंत दिनेशदास ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए अभद्र व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक पालकी आगे नहीं बढ़ाने की बात कही।

कलक्टर के आश्वासन पर पालकी लेकर आगे बढ़े संत महात्मा


इस दौरान परिक्रमा में चल रहे नवलगढ़ प्रधान गजाधर ढाका ने कोट बांध पर संत महात्माओं के साथ हुए अभद्र व्यवहार के बारे में जिला कलक्टर को अवगत करवाया। जिस पर जिला कलक्टर ने अभद्र व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिला कलक्टर के आश्वासन के बाद संत महात्मा ठाहुरजी की पालकी लेकर आगे के सफर के लिए रवाना हुए।
श्रद्धालुओं की जगह जगह मनुहार

किरोड़ी से शोभावती तक परिक्रमा के रास्ते में जगह जगह शिविर लगे हुए हैं। शिविरों में परिक्रमा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय, पानी, भोजन, फल, हलवा, पकोड़ी, गन्ने का रस, लस्सी, दवाई और विश्राम की निशुल्क व्यवस्था है। किरोड़ी घाटी के रास्ते में सैनी समाज सेवा समिति उदयपुरवाटी की ओर से जलेबी, चाय की व्यवस्था, कोट गांव से निकलते ही शाकंभरी रोड पर अग्रवाल समाज उदयपुरवाटी की ओर से चाय नाश्ता, शाकंभरी रोड पर ही पूर्व विधायक रामेश्वलाल सैनी सेवा संस्थान की ओर से भोजन, चिकित्सा व ठहरने की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा शाकंभरी रोड पर नेताजी भोलाराम सैनी स्मृति सेवा संस्थान नवलगढ़, बंधुगण सेवा समिति, दुर्बलनाथ सेवा समिति सूरजगढ़, शाकंभरी में महंत दयानाथ की ओर से हलवा पुरी, शाकंभरी सेवा समिति बाय, चिड़ावा सेवा समिति, कालाखेत में शिवा ग्रुप की ओर भोजन व चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।

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