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रेत माफिया का आतंक बढ़ा, IAS को जान का खतरा, DGP से की शिकायत, तब मिली सुरक्षा

सीधी कलेक्टर को पत्र लिखकर बयां किया दर्द

सीधीApr 02, 2018 / 02:08 pm

suresh mishra

threatening to kill ias officer arpit verma by sand mafia in Sidhi

threatening to kill ias officer arpit verma by sand mafia in Sidhi

आलोक पण्डया @ भोपाल। प्रदेश में खनिज माफिया का आतंक बढ़ गया है। रेत माफिया और पुलिस के गठजोड़ को स्टिंग से उजागर करने वाले भिंड के पत्रकार संदीप शर्मा की ट्रक से मौत का मामला सुर्खियों में था कि सीधी जिले में पदस्थ युवा आइएएस अधिकारी अर्पित वर्मा ने भी रेत माफिया से अपनी जान को खतरा बताया है। चुरहट-रामपुर नैकिन में एसडीओ और 2015 बैच के आइएएस वर्मा को जब रेत माफिया ने घेरा तो उन्होंने स्थानीय थाने से सुरक्षा मांगी।
इस पर थाना प्रभारी ने उन्हें लिखित शिकायत देने को कहा। वर्मा ने सुरक्षा के लिए सीधी कलेक्टर दिलीप कुमार को पत्र लिखा। बाद में भोपाल आकर डीजीपी से मिले और उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। तब जाकर उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई गई। कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहा है। एसपी मनोज श्रीवास्तव के अनुसार अर्पित को सुरक्षा उपलब्ध कराई है। यह नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है।
पुलिस ने नहीं किया सहयोग, जंगल में रात भर खड़े रहे अकेले
आइएएस वर्मा ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि वे 19 मार्च की रात सोन नदी से रेत का अवैध उत्खनन करने वालों को रोकने मौके पर गए थे। वहां जीप और बाइक सवार कुछ लोगों ने उनका पीछा किया। पूछताछ के लिए उन्हें रोका तो रेत उत्खनन करने वाले लोग अपने वाहन छोड़कर भाग गए। पत्र के अनुसार आइएएस अर्पित ने तत्काल रामपुर नैकिन के थाना प्रभारी को फोन करपुलिस बल मांगा। थाना प्रभारी ने पुलिस बल भेजने की बजाय पहले लिखित शिकायत देने को कहा। एेसी स्थिति में रेत माफिया के छोड़े गए वाहन को जब्त कराने के लिए वे जंगल में रात भर अकेले खड़े रहे।
सोन नदी के जलीय जीवों को भी खतरा
वर्मा के पत्र में कहा गया है कि रामपुर नैकिन क्षेत्र में सोन नदी से रेत उत्खनन के कारण सोन घडि़याल अभ्यारण्य में जलीय जीवों के लिए संकट खड़ा हो गया है। अवैध उत्खनन रोकने की कार्रवाई के लिए पुलिस बल नहीं होने से उन्हें जान का खतरा है। उधर, सूत्रों का दावा है कि सोन नदी में अवैध रेत उत्खनन करने वालों को भाजपा और कांग्रेस के कुछ रसूखदार नेताओं का संरक्षण है। इनके दबाव में ही स्थानीय पुलिस कुछ नहीं करती है।
अफसर बनते रहे निशाना
– 8 मार्च 1012 को मुरैना में अवैध उत्खनन रोकने पहुंचे आइपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी गई थी।
– 18 जून 2017 को आइएएस सोनिया मीणा को छतरपुर के खनिज माफिया से धमकी मिली। उन्हें छतरपुर में बयान के लिए जाने को सुरक्षा मांगनी पड़ी।
– 31 मार्च 2014 को देवरी घडि़याल केंद्र के सामने रेत उत्खनन रोकने पर एसएएफ हवलदार विश्वनाथ की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
19 मार्च को अवैध उत्खनन रोकने के दौरान असामाजिक तत्वों ने मेरा पीछा किया। समय पर पुलिस नहीं पहुंची तो मैंने सुरक्षा के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा।
अर्पित वर्मा, आइएएस

एसडीओ अर्पित वर्मा ने पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। हमने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करा दी है। स्थानीय पुलिस से असहयोग का कोई मामला नहीं है। जहां संगठित होकर अवैध उत्खनन होता है, वहां परेशानी तो रहती है, लेकिन प्रशासन अपना काम कर रहा है।
दिलीप कुमार, कलेक्टर सीधी

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