मामला कुछ इस तरह है कि बिठौली गांव की रहने वाली तेरसी भुजवा नाम की 60 साल की बुजुर्ग महिला का पड़ोस में रहने वाले दद्दू शुक्ला से जमीनी विवाद चल रहा है, जिसका प्रकरण सिहावल तहसील में विचाराधीन है। पीड़िता ने बताया कि इसके बावजूद दद्दू शुक्ला विवादित जमीन में निर्माण कराया रहा था। जब उसने ऐसा करने से मना किया तो पड़ोसी दद्दू शुक्ला, छोक्कन शुक्ला, कृष्णा शुक्ला ने उसके साथ सब्बल से मारपीट कर दी। जिसके कारण महिला के शरीर पर गंभीर चोटे आई हैं।
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हैरानी की बात तो ये है कि जब पीड़ित बुजुर्ग महिला मारपीट के जख्म लिए अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए सीधी जिले के अमिलिया थाना पहुंची तो वहां उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इतना ही नहीं थाना प्रभारी द्वारा डांट-फटकार लगाते हुए उसे थाने से बाहर भेज दिया गया। जिसके बाद पीड़िता को लेकर परिजन सीधी विधायक रीती पाठक के आवास पर पहुंचे और उन्हें पूरी घटना के बारे में बताया। पीड़िता की बात सुनकर विधायक रीति पाठक ने थाने में फोन कर कार्रवाई के निर्देश दिए तब कहीं जाकर पीड़िता की रिपोर्ट लिखी गई। पीड़ित महिला को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया गया है जहां उसका इलाज किया जा रहा है।
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पीड़ित बुजुर्ग महिला को थाना प्रभारी के द्वारा थाने से बिना रिपोर्ट लिखे भगाने का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पुलिस की अमानवीयता साफ देखी जा सकती है। हैरानी की बात तो ये है कि पुलिस का ये रवैया तब है जब कुछ दिन पहले ही सीधी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में पुलिस ने जनसंवाद कार्यक्रम किया था और जनता और पुलिस के बीच दूरी कम करने की बड़ी बड़ी बातें की गई थीं।
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