जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में डॉक्टर दीपक वर्मा की पदस्थापना दिनारा स्वास्थ केंद्र पर की गई थी, लेकिन उसी साल जून माह में डॉक्टर वर्मा पीजी करने तीन साल के लिए रीवा चले गए और अस्पताल का चार्ज होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनामिका खरे को दे दिया गया। लेकिन डॉक्टर खरे होम्यापैथिक चिकित्सक होने के कारण मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नही दे पाईं, जिसके कारण जनवरी 2018 में यहां पर डॉक्टर विष्णु गुप्ता को पदस्थ किया गया। डॉ गुप्ता भी यहां पर महज ढाई महीने रुके और फिर उनका मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया तो वह भी यहां से चले गए। वर्ष 2019 में ग्रामीणों ने जब वर्तमान विधायक जसवंत जाटव के सामने डॉक्टर को पदस्थ कराने की मांग रखी तो अप्रैल 2019 में डॉ. एलडी शर्मा को यहां पर तैनात किया गया। खास बात यह रही कि विधायक के दखल के बाद भी डॉ शर्मा केवल 10 दिन ही दिनारा रूके और फिर वह भी अपना अटैचमेंट कराकर नरवर चले गए। आखिर में स्वास्थ्य केन्द्र का चार्ज घूम फिरकर डॉ अनामिका खरे पर आ गया तो वह भी लंबी छुट्टी लेकर अपने घर चली गईं। इसके बाद से केन्द्र में केवल एक कम्पाउंडर राजेन्द्र श्रीवास्तव, दो स्टॉफ नर्स व एक लैब टेक्निशियन ही हैं।
दिनारा के अस्पताल में डॉक्टर न होने के चलते छोटी-मोटी बीमारी के लिए लोग या तो करैरा आते हैं या फिर उन्हें मजबूरी में झांसी जाना पड़ता है। शासकीय अस्पताल में डॉक्टर न होने से दिनारा कस्बे में दर्जनां की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं। वहीं डॉक्टर न होने से पुलिस को भी एमएलसी व पोस्टमार्टम कराने के लिए करैरा तक भागना पड़ता है।
राजेन्द्र श्रीवास्तव कम्पाउंडर स्वास्थ केंद्र दिनारा
डॉ प्रदीप शर्मा , बीएमओ करैरा