ठगी का जाल और लालच का खेल
जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड आर्मी अफसर अपने रिटायरमेंट के पैसों से मुनाफा कमाने के लिए इंटरनेट पर विकल्प तलाश रहे थे। इस दौरान एक लिंक पर क्लिक करने के बाद वे एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए। ग्रुप में शेयर बाजार के आईपीओ में निवेश कर तीन गुना मुनाफा कमाने की सलाह दी जा रही थी। शुरुआत में मामूली निवेश पर फायदा देकर ठगों ने असफर का भरोसा जीता। इसके बाद ठगों ने एक बड़े आईपीओ में 300 प्रतिशत मुनाफे का लालच देकर 5.50 लाख रुपए निवेश करने का दबाव डाला। ये भी पढ़े- क्या जया किशोरी से ज्यादा अमीर है ‘सुंदर साध्वी’, महाकुंभ से मिली दुनियाभर में सुर्खियां बैंक कर्मचारियों की सूझबूझ
रिटायर्ड अफसर ने 5.50 लाख रुपए जमा कराने के लिए एसबीआई गुरुद्वारा शाखा का रुख किया। बैंक के अकाउंटेंट संजय वर्मा ने जब संबंधित खाता चेक किया, तो वह पश्चिम बंगाल के रामपुर घाट गांव का निकला। शक होने पर उन्होंने शाखा प्रबंधक अविनाश यादव को सूचना दी। तुरंत साइबर सेल प्रभारी धर्मेंद्र सिंह जाट को सूचित किया गया।
साइबर सेल की टीम तुरंत बैंक पहुंची और मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि व्हाट्सएप ग्रुप के सभी नंबर बंद थे, केवल ऑडियो कॉल और चैट चालू थे। मोबाइल नंबरों की लोकेशन पश्चिम बंगाल, गुजरात, और कर्नाटक जैसे राज्यों की निकली। साइबर सेल ने रिटायर्ड अफसर को इस ठगी के जाल से बचने के लिए समझाया और किसी भी प्रकार का भुगतान न करने की सलाह दी। अगले दिन सुबह संबंधित आईपीओ केवल 123 प्रतिशत पर खुला। बैंक कर्मचारियों और साइबर सेल की सतर्कता ने रिटायर्ड अफसर का बड़ा घाटा होने से बचा लिया।