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सुबह तक लग गया पेड़ों के नीचे मृत पक्षियों का ढेर
जिले की बदरवास तहसील के हथनापुर गांव में मंगलवार शाम से बुधवार की सुबह तक 200 से अधिक गौरेया चिड़िया की मौत का मामला सामने आया है।यहां के ग्रामीणों का कहना है कि, पेड़ों पर बैठीं गौरेया अचानक ही एक-एक कर नीचे गिरने लगीं, जिन्हें देखा, तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। गोरेया चिड़िया की मौत का सिलसिला रात भर जारी रहा और सुबह होते तक गांव के कई पेड़ों के नीचे मृत चिड़ियों का ढेर लग गया। ग्रामीणों की सूचना के आधार पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई और 23 सैंपल कलेक्ट किए हैं। इसमें से तीन सैंपल बर्ड फ्लू की जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
ग्रामीणों में दहशत
गांव के लोगों का कहना है कि, रोजाना दिन में पक्षी अपने भोजन के लिये निकल पड़ते हैं और रात होते ही अपने अपने पेड़ों पर लौट आते हैं। मंगलवार शाम को भी ऐसा ही हुआ होगा। लेकिन, देर शाम के बाद से ही चिड़ियों की चहचहाहट के बीच इसका जमीन पर गिरना शुरु हो गया था। रात भर ये चिड़ियाएं इसी तरह एक एक करके पेड़ से गिरती रहीं। ग्रामीणों का कहना है कि, बुधवार सुबह तक यहां 200 से अधिका चिड़ियों की मौत हो चुकी थी। अचानक इस तरह चिड़ियों की मौत होने से गांव के लोगों में दहशत का माहौल है। फिलहाल, पशु चिकित्सा विभाग द्वारा इस तरह एक साथ हुई इतनी चिड़ियों की मौत का कारण जांच में पता चल जाएगा।
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ये भी हो सकती है चिड़ियों की मौत की वजह
वहीं, दूसरी तरफ पशु चिकित्सा विभाग अतिरिक्त सहायक संचालक डॉ. संजीव गौतम का कहना है कि, ये स्पष्ट है कि, हथनापुर में अचानक एक साथ इतनी संख्या में चिड़ियों की मौत हुई है। फिलहाल, देशभर में कहीं से भी बर्ड फ्लू की खबर तो अब तक नहीं मिली है। ऐसे में माना जा सकता है कि, चिड़ियों की मौत खेती में उपयोग की जाने वाली किसी तरह की कीटनाशक लगा बीज आदि खाने से हुई हो। फिर भी किसी भी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। सैंपल जांच के लिए भोपाल भेज दिये गए हैं, रिपोर्ट आने पर चिड़ियों की मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।
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