इस बार दीपोत्सव 10 नवंबर से है और काम पर गए सभी ग्रामीण इसके पहले ही अपने घर लौट आएंगे। उधर, मतदान 17 नवम्बर को होना है और इस समय तक ग्रामीण गांव में ही होंगे, ऐसे में ये लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के इस महोत्सव में भागीदारी बनेंगे। मतदान प्रतिशत बढ़ाने ये हो रही कवायद ठ्ठ स्कूल-कॉलेज में कैंपस एंबेसडर बनाए गए, जिनके जरिए लोगों को मतदान का महत्व बताने के साथ अनिवार्य रूप से मतदान करने का आह्वान किया जा रहा है।
– सभी ग्राम पंचायतों में मतदाता जागरूकता से जुड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं।
– सामाजिक संगठनों की भागीदारी के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है।
– मैदानी अमले को खास तौर से ट्रेङ्क्षनग दी गई है ताकि वे ग्रामीणों को मताधिकार का महत्व बता सकें।
– स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से ज्यादा होता है पलायन लगभग 8 लाख की आबादी वाले श्योपुर जिले में कराहल और विजयपुर के कई गांव आदिवासी बाहुल्य है। इन्हीं इलाकों से रेाजगार के लिए बड़ी संख्या में युवा अन्य राज्यों में पलायन करते हैं। ऐसे में ये युवा दीपावली के त्योहार पर लौटेंगे, लिहाजा इन क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है।
फैक्ट फाइल
* 08-लाख है जिले की आबादी
* 02-विधानसभाएं हैं जिले में
* 05-लाख 13 हजार मतदाता हैं जिले में
* 78-फीसदी मतदान हुआ था 2018 में
* 74-फीसदी मतदान हुआ था 2013 में