कहते हैं कि रोज जूस पीना सेहत के लिए अच्छा होता है। पहले जमाने में तो लोगों को सिर्फ मशीन वाला फ्रेश जूस पीना पसंद होता था, लेकिन अब कई सालों से देखा जा रहा है कि मार्केट में फ्रेश जूस के साथ पैकेट वाला जूस भी मिलने लगा है। लेकिन दोनों तरह के जूस में फर्क होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक जूस पीना एक तरफ जहां शरीर के बल को बरकरार रखता है, वहीं ये बॉडी को डिटोक्स करने में भी मदद करता है। साथ ही जूस वेट और हेल्थ दोनों ही चीजों को मेंटेन रखता है। खाने में जूस शामिल करने का मतलब ये नहीं कि एक ही बार में पूरा जग या पूरा कार्टन जूस पीया जाए, बल्कि इसे पीने का मतलब शरीर से जहरीले टॉक्सिन निकालना है। साथ ही बाजार का खाना खा लेने के बाद बॉडी के बैलेंस को वापस लाना और एनर्जेटिक रखना है। कहते हैं कि जूस पीने से अधिक फल खाना ताकतवर माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। जूस पीना बॉडी के लिए ज्यादा न्यूट्रीशनल होता है, क्योंकि इसमें कई तरह के फलों के फ्लेवर्स को एक साथ मिक्स किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पैकेट्स के दूध की बजाय फ्रेश ज्यूस ज्यादा फायदेमंद होता है।