ये भी पढ़ेंः चंबल-सिंध में अवैध खनन से प्रभावित हुआ नदी का प्रवाह
लोगों ने मंत्री से कहा कि कलेक्टर को हटाओ, उसकी वजह से हमारा यह हाल हो गया। यहां से तोमर का काफिला आगे बढ़ा ही था कि लोगों ने एक बार फिर गाड़ी रोक ली और कहा कि अब यहां क्यों आए हो, हम तो बर्बाद हो गए। आक्रोशित महिलाएं भी केन्द्रीय मंत्री की गाडी के सामने आ गईं। महिलाओं ने कहा कि अब क्या लेने यहां आए हो। वापस चले जाओ। ऐसे ही शहर के वार्ड 10 के इलाके में चंबल नहर किनारे नगर पालिका कर्मियों द्वारा मृत जानवर फेंके जाने और बदबू से परेशान वार्ड के लोगों ने शनिवार को श्योपुर-सवाईमाधोपुर नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। बाढ़ में अपना सबकुछ गंवाने वाले पीड़ितों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों और नेताओं पर फूट रहा है।
ये भी पढ़ेंः भेड़ाघाट की खूबसूरती पर चली जेसीबी
नेशनल हाईवे बहा, 187 ग्रामीणों एयरलिफ्ट
प्रदेश में बाद-बारिश का दौर जारी है। अब अशोकनगर जिले में तबाही का मंजर सामने आया है। यहां के 20 गांवों में 5585 कच्चे घर अनाज और गहस्थी का सामान मलवे में मिल गए। करीब 25 हजार हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई। कैथन नदी के उफान से अतरेजी और घाटमूरिया के बीच नेशनल हाईवे का 10 फीट लंबा हिस्सा यह गया। एक किमी हिस्से की सड़क का आधा हिस्सा उखड़कर बह गया। पुल का सलैब उखड गया। नेशनल हाईवे पर आवाजाही बंद हो गई है। रास्ते पर पुलिस तैनात है।
ये भी पढ़ेंः अन्न उत्सव: पीएम से बात करेंगे मड़िया के पांच हितग्राही
गुना में पार्वती नदी की दो धाराओं के बीच बमौरी के सोडा गांव में फंसे साढ़े तीन सौ लोगों की जान बचाने के लिए शनिवार को रेस्क्यू चला। वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जरिए 187 लोगों को छह खेप में सुरक्षित निकाला गया। बाकी लोगों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफकी टीमों ने बचाया |