हालांकि अभी चीतों का दीदार नहीं होगा, इसलिए नेशनल पार्क का मुख्य द्वार टिकटोली गेट भी नहीं खोला गया है, लेकिन नए पर्यटन सीजन की शुरुआत करते हुए पार्क के पीपलबावड़ी और अहेरा गेट खोले गए। यही वजह है कि दोनों गेटों पर फूलों से सजावट की गई और भारतीय परंपरानुसार नारियल फोडक़र नए सीजन का श्रीगणेश किया गया। वहीं दोनों गेटों पर स्थानीय वन अफसरों ने फीता काटकर गेट खोले। इसके बाद अहेरा गेट पर आए पहले पर्यटक श्योपुर निवासी मयंक शुक्ला का स्थानीय अमले ने तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत भी किया।
चीता प्रोजेक्ट ने दी कूनो को नई दिशा
वर्ष 1981 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित कूनो को वर्ष 2018 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला। हालांकि 27 सालों तक एशियाई सिंहों की राह निहारते रहे कूनो नेशनल पार्क को अब चीता प्रोजेक्ट ने नई दिशा दी है। यही वजह है कि 1 जुलाई से 15 अक्टूबर तक के साढ़े तीन माह के वर्षाकालीन समय में पर्यटकों के लिए बंद रहा कूनो एक नई उम्मीद के साथ आज से फिर खुल गया है और उम्मीद है कि अब इस सीजन में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
चीतों को कूनो में एक माह पूरा, किया सर्वाइव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में 17 सितंबर को छोड़े गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में आज एक माह भी पूरा हो गया है। इस एक माह में इन अफ्रीकी चीतों को कूनो पूरी तरह रास आता नजर आया है, जिसके चलते चीते अभी तक बेहतर ढंग से सवाईव कर पाए हैं।
पिछले चार सीजन में कूनो में पर्यटकों की संख्या
सीजन———– भारतीय ———–विदेशी
2021-22———–1403———–00
2020-21———–1234———–00
2019-20———–558———–10
2018-19———–760———–44