ये 100 ट्रेप कैमरे न केवल 5 वर्ग किमी के विशेष बाड़े में लगाए हैं, बल्कि बाड़े के बाहर के आसपास के इलाके में भी लगाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कूनो पार्क में अफ्रीकी चीतों के लिए 500 हेक्टेयर (5 वर्ग किमी) का एक विशेष बाड़ा बनाया गया है। बाड़ा बनने के बाद इसमें 5 तेंदुए रह गए थे, जिसमें 2 तो निकल गए हैं, लेकिन अभी 3 तेंदुए नहीं निकल पाए हैं। हालांकि इन्हें निकालने के लिए पिछले एक माह से कवायद चल रही है, लेकिन ये तेंदुए वन अमले की टीम को लगातार चकमा दे रहे हैं।
ट्रेप कैमरों से देखा जाएगा मूवमेंट
बाड़े और बाड़े के बाहर 100 ट्रेप कैमरे लगाए हैं, जिनसे तेंदुओं का मूवमेंट देखा जाएगा। इससे ये भी साफ हो जाएगा कि तेंदुए अभी बाड़े में ही है या बाड़े से बाहर निकले गए हैं। यदि कैमरों के माध्यम से बाड़े में ही तेंदुओं की लोकेशन मिली तो टीमों द्वारा उसी क्षेत्र में उनकी सर्चिंग की जाएगी और ट्रेंकुलाइज किया जाएगा या फिर उन्हें बाड़े से बाहर भगाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अभी तेंदुओं की सर्चिंग के लिए डॉक्टरों की टीम हाथी पर बैठकर सर्चिंग कर रही है, वहीं बाड़े में 8 पिंजरे भी लगाए हुए हैं।
ये है ट्रेप कैमरा
कैमरा ट्रैप एक ऐसा कैमरा होता है जो अपने आस-पास की किसी गतिविधि, जैसे किसी जानवर की उपस्थिति में बदलाव से अपने आप चालू हो जाता है। यह आमतौर पर मोशन सेंसर से लैस होता है। इन कैमरों में तस्वीर आने के बाद तेंदुओं की वास्तविक लोकेशन पता लगाई जा सकेगी कि ये बाड़े के किस क्षेत्र में ज्यादा रह रहे हैं।
सर्चिंग चल रही है
बाड़े में मौजूद 3 तेंदुओं के लिए लगातार सर्चिंग चल रही है। साथ ही इन्हें ट्रैस करने के लिए बाड़े और बाड़े के बाहर 100 के आसपास कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं।
पीके वर्मा
डीएफओ, कूनो नेशनल पार्क श्योपुर