उल्लेखनीय है कि बड़ौदा नगर के आसपास के तीन बड़े नाले परेशानी का सबब बनते हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में गंभीर प्रयास नहीं हुए। यही वजह है कि गुरुवार की शाम को बड़ौदा में शुरू हुई तेज बारिश से न केवल बाजारों में पानी भर गया, बल्कि नाले भी उफान पर आ गए। जिससे अस्पताल की पुलिया, कंपनी गेट आदि की पुलियाओं पर पानी भर गया और बड़ौदा टापू बन गया। रातभर यही स्थिति रहने के कारण लोग परेशान रहे। विशेष बात यह रही कि पानी भरने से कई ट्रांसफार्मर भी डूब गए, जिससे बिजली गुल हो गई। यही वजह रही कि रात भर लोग परेशान बने रहे।
अहेली पुलिया पर आया पानी, बंद हुआ हाइवे
मानसून के अच्छे आगाज के बाद जिला तरबतर हो गया है। वहीं कूनो, सीप, अमराल, कदवाल, क्वारी जैसी छोटी बड़ी नदियों में भी पानी आ गया। वहीं रात्रि में बड़ौदा के निकट ललितपुरा की अहेली नदी उफान पर आने से पुलिया पर पानी आ गया, जिससे कुछ समय के लिए श्योपुर-बांरा हाइवे पर आवागमन प्रभावित हुआ। वहीं दूसरी ओर गोरस के निकट की नदी का पानी भी श्योपुर-शिवपुरी हाइवे के ऊपर से निकला। इसके साथ ही रामगांवड़ी पंचायत की आदिवासी बस्ती में पानी भर गया। वहीं चंद्रपुरा फिलोजपुरा की सहकारी संस्था के गोदाम में रखे डेढ़ सैकड़ा कट्टे यूरिया व 100 कट्टे डीएपी खाद भीग गए।
शहर में तीन घंटे में हुई 43 मिमी बारिश
बीती रात्रि को शहर में झूमकर बादल बरसे। यही वजह रही कि महज तीन घंटे की अवधि में 43 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं भू अभिलेख विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 28 जून की सुबह 8 बजे से 29 जून की सुबह 8 बजे तक के 24 घंटे में जिले में 29.7 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है। वहीं जिले में कुल औसत बारिश का आंकड़ा 112.8 मिमी पर पहुंच गया है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 70.4 मिमी हुई बारिश हुई थी।