वीरा लगभग 20 घंटे कूनो से बाहर रही। सोमवार को ये वीरपुर क्षेत्र में सामान्य वनमंडल के इलाके में आ गई। टेकिंग टीम पीछे ही थी, लेकिन जब वीरा कूनो की सीमा में पहुंची तब प्रबंधन ने राहत की सांस ली।
बता दें कि श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने खुले जंगल में जब अग्नि चीता को कूनो में रिलीज किया था़ तब वह भी रिजर्व जोन से बाहर चला गया था। 24 घंटे से वन विभाग अमला अग्नि चीते को ट्रैक करने में लगा रहा और इंतजार करता रहा कि वह वापस कूनो के जंगल में आ जाए। लेकिन अग्नि चीता 24 घंटे से कूनो से बाहर निकलकर पोहरी इलाके से सटे हुए बफर जोन के जंगल में पहुंच गया था। इस जंगल से कुछ ही दूरी पर रिहाइशी इलाका भी लगा है। इस वजह से कूनो की टीमें लगातार उस पर नजर बनाए रखे हुए थीं। आपको बता दें कि चीते हमेशा एक साथ रहते हैं, एक साथ शिकार करके अपना भोजन तलाशते हैं। लेकिन खुले जंगल में रिलीज किए जाने के बाद वे एक दूसरे से अलग हो गए थे।
आपको बता दें कि एमपी के जंगलों से अक्सर बाघों के सीमाएं पार कर भाग जाने के मामले सामने आते रहते हैं और वनकर्मचारी अधिकारी इन्हें ढूंढते रहते हैं कईबार ये वापस लौट आए तो कई बार दूसरे राज्यों के जंगलों में भटकते मिले।