श्योपुर

कूनो में चीता प्रोजेक्ट के बाद अब कैट प्रोजेक्ट, जानिए दुर्लभ बिल्लियों को कैसे बचाएंगे हम

Big Cat Project after Cheetah Project in Kuno National Park कैट प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है जिसमें बिग कैट की दुर्लभ प्रजातियों को बचाया जाएगा।

श्योपुरMar 02, 2024 / 02:49 pm

deepak deewan

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बिग कैट की दुर्लभ प्रजातियों को बचाया जाएगा

श्योपुर. चीता प्रोजेक्ट के लिए कूनो दुनियाभर में विख्यात हो गया है। अब देश में कैट प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है जिसमें बिग कैट की दुर्लभ प्रजातियों को बचाया जाएगा। बिग कैट की 7 प्रजातियों में से 5 भारत में पाई जाती हैं। खास बात यह है कि बिग कैट यानि बड़ी बिल्ली की इन प्रजातियों में 2 कूनो में हैं। इस प्रकार बड़ी बिल्ली की प्रजातियों को बचाने में हम सहभागी बने हैं।

 

वन्य जीव विशेषज्ञ बताते हैं कि दुनिया में बिग कैट (बड़ी बिल्ली) की सात प्रजातियां पाई हैं। इन्हें बचाने के लिए 97 देश कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इसके लिए भारत की पहल पर अप्रेल 2023 में बिग कैट एलांयस बनाया गया था, जिसमें बिग केट वाले देश एक दूसरे से तकनीकी जानकारी साझा कर रहे हैं, बल्कि इनकी ट्रांसलोकेशन की तरफ भी बढ़ रहे हैं। इससेे इनकी सात प्रकार की प्रजातियों को संरक्षित किया जा सकेगा।

भारत का चीता प्रोजेक्ट भी इसी का हिस्सा है। इस बिग कैट एलांयस में अब तक 97 देश शामिल हो गए हैं। ये वे देश हैं जिनमें 7 प्रकार की बड़ी बिल्लियों में से एक न एक प्रजाति पाई जाती है।

पायलट प्रोजेक्ट:
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे देश में पांच बिग कैट उपलब्ध हैं। इन पांचों को बचाने के लिए हम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम कर रहे हैं। दो बिग कैट हमारे देश में नहीं पाए जाते हैं।

सात प्रजातियां
विश्व में बिग केट की 7 प्रजातियां लॉयन, टाइगर, चीता, लेपर्ड, स्नो लेपर्ड, जगुआर और प्यूमा पाई जाती हैं। इनमें 5 प्रकार की प्रजाति लॉयन, टाइगर, चीता, लेपर्ड, स्नो लेपर्ड तो भारत में ही पाई जाती हैं। देश में लॉयन प्रोजेक्ट, टाइगर प्रोजेक्ट, चीता प्रोजेक्ट आदि परियोजनाओं से इन प्रजातियों की आबादी देश में बढ़ भी रही है। यही वजह है कि बिग केट एलांयस का नेतृत्व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

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