Shamli Encounter: वर्ष 1990 में सुनील कुमार आरक्षी के पद पर पीएसी में भर्ती हुए थे। वर्ष 2002 में मुख्य आरक्षी के पद पर इनका प्रमोशन हुआ। इसके बाद इन्हें प्लाटून कमांडर दलनायक पद पर प्रोन्नत मिली। इससे पहले यह 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा, 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद एवं 9वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद में तैनात रहे। वर्ष 2008 में एसटीएफ में नियुक्ति के दौरान फतेहपुर जिले में 50 हजार के इनामी दस्यु ओम प्रकाश उर्फ उमर केवट एवं राजराज को मार गिराने में इन्हें सफलता मिली। इस उल्लेखनीय सफलता के बाद वर्ष 2011 में इन्हें आउट ऑफ टर्न निरीक्षक पद पर प्रमोशन हुआ। यूपीएसटीएफ में नियुक्ति के दौरान इन्होंने अपराधों की रोकथाम, कुख्यात एवं पुरस्कार घोषित अपराधियों की धर-पकड़ में अदम्य शौर्य एवं साहस का परिचय दिया गया है।
Shamli Encounter: एसटीएफ में तैनाती के दौरान इन्हें मिला ये सम्मान
यूपीएसटीएफ के बहादुर इंस्पेक्टर सुनील कुमार को नियुक्ति अवधि के दौरान किये गये अदम्य शौर्य एवं साहसिक कार्यों के लिये इन्हें वर्ष 2015 में शौर्य के आधार पर ‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह वर्ष 2022 में ‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’, वर्ष 2024 में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश का ‘प्रशंसा चिन्ह-रजत’ तथा सेवा अभिलेख के आधार पर वर्ष 2024 में गृह मंत्रालय भारत सरकार का ‘अति उत्कृष्ट सेवा पदक’ प्रदान किया गया। Shamli Encounter: सोमवार को हुई मुठभेड़ में चार कुख्यात अपराधी को किया ढेर
शामली के झिंझाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में एसटीएफ ने एक लाख के इनामी सहारनपुर जिले के बाहड़ी माजरा की रहने वाले अरशद समेंत चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। काफी लंबे समय से यह गिरोह पुलिस के रडार पर था। इस ऑपरेशन में पुलिस और बदमाशों के बीच 40 से अधिक राउंड की फायरिंग हुई। एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार अगली पंक्ति में रहकर टीम को लीड कर रहे थे। इस दौरान वह बदमाशों के गोली का शिकार हो गए। उनके पेट में चार गोली लगी थी हाथ में भी कई छर्रे लगे थे। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।