2017 में भर्ती हुए थे अमित आपको बता दें कि गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें 37 जवान शहीद हो गए थे जबकि कई घायल हैं। शहीदों में दो नाम शामली के भी हैं। जनपद के रहने वाले प्रदीप कुमार और अमित कुमार भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। अमित कुमार शामली की रेलपार कॉलोनी का निवासी था। वह वर्ष 2017 में रामपुर से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी उम्र मात्र 22 साल बताई जा रही है। वहीं, शहादत की खबर पता चलते ही उनके घरों पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। डीएम और एसपी भी उन्हें सांत्वना देने उनके घर पहुंचे।
मां के लाडले थे अमित आतंकी हमले में शहीद हुए अमित कुमार छह भाई-बहनाें में सबसे छोटे होने के कारण अमित मां की लाडला थे। उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद मां बस इतना ही कहती रही, कहां चला गया अमित। उनके आसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। शहीद के घर पर पहुंचे एसपी को देखकर शहीद के भाई और पिता उनके गले मिले। इस दौरान शहीदों के परिजनों की आंखों में आंसू देख एसपी की आंखें भी नम हो गईं।
12 फरवरी को गया था शहीद शहीद अमित कुमार के पिता सोहनपाल का कहना है कि सबसे पहले उनके बेटों को इसकी जानकारी मिली थी। बाद में उन्हें बताया गया। सुबह करीब साढ़े 7 बजे हेडक्वार्टर से फोन आया था। उन्होंने बताया कि अमित घर से 12 फरवरी को शाम 4 बजे गया था। उसके दिल में देश के लिए कुछ करने का जज्बा था। वह यहां से तैयार होकर गया था। उनकी अमित से आखिरी बार मुलाकात 12 फरवरी को शाम 4 बजे हुई थी। उस समय उसने कहा था, पिता जी मैं जा रहा हूं। उन्होंने बताया कि अमित छह भाई-बहन में सबसे छोटा था। अब केवल पांच बचे हैं। उनका कहना है कि आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए। उनके 44 बेटे शहीद हुए हैं। उनका बदला लिया जाना चाहिए। डीएम अखिलेश सिंह का कहना है कि शहीदों के पार्थिव शरीर आज रात या कल सुबह तक यहां आ जाएंगे।