मंच से खुले तौर पर यह आरोप लगाते हुए उन्होंने महापंचायत में आए लोगों से आह्वान किया कि अगले चुनाव में किसान विरोधी लोगों को वोट नहीं देनी हक़ी। महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के छोटे भाई नरेंद्र भी पहुंचे। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुझे ज्यादा बोलना तो नहीं आता लेकिन मेरा समर्थन है। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस महापंचायत से किनारा ही रखा वह नहीं पहुंचे और उन्होंने गाजियाबाद गाजीपुर बॉर्डर से ही यह राहत भरी खबर दी कि 6 तारीख को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान बंद में शामिल नहीं होंगे यानी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जाम नहीं होगा।
महापंचायत के मंच से बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार नई कृषि कानूनों को थोपना चाहती है लेकिन सरकार को इतना अहंकार नहीं करना चाहिए अगर किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार को भी इसे वापस ले लेना चाहिए यह कहते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसानों के प्रतिनिधि विधानसभा में कम है और किसानों की बात संसद और विधानसभा में मजबूती से नहीं उठाई जा रही है तो किसानों को अपने जनप्रतिनिधि विधानसभा और संसद में भेजने चाहिए।
शामली के गांव भैंसवाल में बुलाई गई महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे हालांकि प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी लेकिन किसानों ने कह दिया था कि अनुमति हो या ना हो महापंचायत होकर रहेगी इसके बाद सुबह से ही पंचायत में किसानों का पहुंचना शुरू हो गया था. महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान पहुंचे लेकिन फिर भी बिल वापसी की मांग की आड़ में विपक्षी पार्टियां अपने वोट बैंक को साथ रखते हुए नजर आई।
पंचायत के मंच से बार-बार आह्वान किया गया कि आने वाले चुनाव में किसान भाजपा सरकार को मिलकर आईना दिखाएंगे। रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ( Jayant Chaudhari RLD ) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( UP CM Yogi Adityanath ) पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि किसान धारा 144 से डरने वाले नहीं हैं। अगर किसानों को पंचायत करने की परमिशन नहीं मिलेगी तो भी किसान पंचायत करने से नहीं रुकेगा।