उन्होंने कहा कि लिखकर, बोलकर या किसी प्रतीक के माध्यम से प्रचार की अनुमति नहीं है, जिससे किसी धर्म (मजहब), सम्प्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग और राजनीतिक दल व कार्यकतार्ओं की भावना आहत नहीं करेगा। मतदाता को डराने या लालच देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव प्रचार के लिए किसी अन्य व्यक्ति की भूमि/भवन/अहाते/दीवार का उपयोग झंडा लगाने/झंडियां टांगने/बैनर लगाने जैसे कार्य उस व्यक्ति की अनुमति के बिना नहीं करेंगे। रिटर्निंग अफसर की अनुमति के बिना नहीं कुछ ध्वनि यंत्र नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल/उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित सभाओं और जुलूसों आदि में किसी प्रकार से बाधा या विघ्न उत्पन्न नहीं करेंगे। चुनाव के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार-प्रसार रोकना जरूरी है। मतदाताओं को पहचान पर्चियों पर कोई प्रतीक या उम्मीदवार का नाम नहीं होगा। किसी भी सार्वजनिक उपक्रम/शासकीय/अर्द्धशासकीय विभाग के निरीक्षण गृह, डाक बंगला या अन्य किसी विश्रामगृह का प्रयोग चुनाव प्रचार अथवा चुनाव कार्यालय के लिए नहीं करेंगे। कोई भी सभा, रैली, जुलूस आदि बिना अनुमति के नहीं की जाएगी। अनुमति दिए जाने के लिए संबंधित उप जिला मजिस्ट्रेट अपनी तहसील के सक्षम प्राधिकारी होंगे। ऐसे जुलूसों/सार्वजनिक कार्यक्रमों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, 10 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों तथा गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को प्रतिभाग नहीं करने दिया जाए।