आतंकियों से लोहा लेते शामली का जवान शहीद, रोते हुए पिता बोले- बहुत हुआ, मोदी सरकार उठाए अब ये कदम, देखें Video
खास बातें
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए जवानों को श्रीनगर में दी गई श्रद्धांजलि
श्रीनगर से पहले दिल्ली पहुंचेगा शहीद सतेंद्र का पार्थिव शरीर, उसके बाद शामली के लिए किया जाएगा रवाना
शामली के किवाना गांव के रहने वाले थे शहीद सतेंद्र कुमार
अनंतनाग आतंकी हमलाः शहीद के गमजदा पिता बोले- अब बहुत हुआ, मोदी सरकार करे आतंक का खात्मा, देखें Video
शामली. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के पांच जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले में शामली जिले का एक जवान सतेंद्र कुमार भी शहीद हुआ है। बता दें कि शहीद सतेंद्र कुमार सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। सतेंद्र के शहीद होने की जानकारी मिलते ही जहां शामली जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके घर सांत्वना देने वालों की भीड़ लग गई है। बताया जा रहा है कि श्रीनगर में श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया जाएगा और फिर वहां से शामली के लिए रवाना किया जाएगा। सतेंद्र के पिता मनीराम ने मोदी सरकार से मांग की है कि अब बहुत हो चुका, अब इस आतंकवाद का खात्मा जरूरी है। आज हमारा बेटा शहीद हुआ है, कल किसी और मां का बेटा शहीद न हो।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को आतंकवादियों ने सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर पहले अंधाधुंध गोलियां बरसाते हुए ग्रेनेड से हमला किया। इस आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पांच जवान शहीद हो गए हैं, जिनमें शामली जिले का एक जवान सतेंद्र कुमार भी शामिल है। उनके अलावा इस हमले में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के महेश कुमार कुशवाहा, हरियाणा के झज्जर जिले के एएसआई रमेश कुमार, असम नलबारी के रहने वाले निरोद शर्मा मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले संदीप यादव भी शहीद हो गए हैं। श्रीनगर में सभी पांचों शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
बता दें आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ कांस्टेबल सतेंद्र कुमार शामली जिले के गांव किवाना के रहने वाले हैं। देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सतेंद्र कुमार की शहादत पर जहां पूरा जिला गर्व महसूस कर रहा है। वहीं उनके पैतृक गांव किवाना में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सतेंद्र के घर परिजनों को ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि श्रीनगर से सतेंद्र कुमार के पार्थिव शरीर को पहले दिल्ली लाया जाएगा। जहां से शामली के किवाना गांव के लिए रवाना किया जाएगा। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उनकों अंतिम विदाई दी जाएगी। हालांकि अभी तक यह नहीं बताया गया है कि कब तक शहीद सतेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचेगा।
बताया जा रहा है कि सतेंद्र वर्ष 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था और 2 साल से जम्मू-कश्मीर में ही तैनात था। सतेंद्र दो बेटे हैं, एक 4 वर्ष का बेटा दीपांशु व दूसरा 2 वर्ष का बेटा वाशु। सतेंद्र के पिता मनीराम ने मोदी सरकार से मांग की है कि अब बहुत हो चुका, अब इस आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए। आज हमारा बेटा शहीद हुआ है, कल किसी और मां का बेटा शहीद न हो। इसके लिए सरकार को आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कदम उठाने चाहिएं। गांव में सतेंद्र की शहादत की खबर सुनकर सैकड़ों की संख्या में लोग उनके घर पर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी।