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शाहजहांपुर

गन्ना किसानों को पीएम मोदी से सौगात की आस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, बदायूं ,पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और फर्रुखाबाद के किसान भाग लेंगे।

शाहजहांपुरJul 20, 2018 / 06:32 pm

अमित शर्मा

Sugar cane farmers

गन्ना किसानों को पीएम मोदी से सौगात की आस

बरेली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जुलाई को शाहजहांपुर के रोजा मंडी रेलवे मैदान में किसान कल्याण रैली करेंगे। रैली से पूर्व गन्ना किसानों को प्रधानमंत्री से बड़ी सौगात की आस है। गन्ना किसान चाहते हैं कि समय पर खरीद और भुगतान हो जाए। गन्ना खरीद में बिचौलिया प्रथा समाप्त हो। रैली में शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, बदायूं ,पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और फर्रुखाबाद के किसान भाग लेंगे। बरेली के 20 हजार किसान भाग लेंगे।
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गन्ना उत्पादन के साथ बढ़ गईं समस्याएं
पिछले साल की तुलना में इस बार जिले में गन्ने का उत्पादन 25 प्रतिशत ज्यादा हुआ है बावजूद इसके गन्ना किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नही ले रही है। गन्ना किसानों को लेकर सियासत भी गर्म है। समाजवादी पार्टी ने जहां गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये का बकाया होने की बात कही है वहीं सरकार के बचाव में प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल का कहना है कि प्रदेश सरकार पिछली सरकार का भी बकाया भुगतान गन्ना किसानों को कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार 2014 से अब तक का बकाया भुगतान कर रही है। सरकार ने अब तक 15 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया है।
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नहीं मिल पातीं पर्चियां

गन्ने की पैदावार ज्यादा हुई लेकिन किसान की समस्या कम नहीं हुई, क्योंकि जिले की चीनी मिलों की पेराई की क्षमता ज्यादा नहीं है। इसके कारण किसानों का गन्ना लम्बे समय तक खेत मे ही पड़ा रहा और गन्ने का वजन भी कम हो गया। इतना ही नहीं नई फसल के लिए समय से खेत भी खाली नहीं हो पाया। गन्ने का अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों को समय से पर्चियां नहीं मिल पाई, जिसके कारण गन्ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बार गन्ने की पैदावार 20 से 25 प्रतिशत ज्यादा हुई है।
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घर बैठे हो जाता है सर्वे

गन्ना किसानों के साथ सरकारी सिस्टम भी कम मजाक नहीं करता है। दफ्तर में बैठ कर गन्ने का सर्वे कर लिया जाता है, जिसके कारण असली किसानों तक पर्चियां नहीं पहुँच पाती हैं। उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण बहुत से किसान कोल्हू पर ही गन्ने को बेच देते है।
करोंड़ो रुपये बकाया

गन्ना किसान को लेकर राजनीति भी बहुत गर्म रहती है। दो दिन पहले सपा ने किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया था जिसमे सपा ने किसानों का सैकड़ों करोड़ रूपये बकाया होने की बात कही थी। सरकार के बचाव में खुद सिंचाई मंत्री धर्मपाल सामने आए।

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