ये है पूरा वाक्या
शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य शनिवार को पहाड़ी ग्राम तुर्रा दलाम, लखबरिया, धन्नौरी व तुर्री में भ्रमण के लिए पहुंचीं थीं इसी दौरान एक आदिवासी महिला ने उनसे अपने गांव चलने के लिए कहा। जिस पर कलेक्टर ने उससे सवाल किया कि आगे तो घाट है और गाड़ी नहीं जा सकती तुम्हारा गांव कितनी दूर है। जिस पर आदिवासी महिला ने उनसे देहाती भाषा में कहा कि ये घाट तो हम रोज पार करते हैं आज बाई तुम भी हमारे साथ चलो और गांव के हालात देखो। महिला का जवाब सुन कलेक्टर हंस पड़ीं लेकिन महिला की जिद को कलेक्टर मना नहीं कर पाईं और फिर तीन किलोमीटर पैदल चल पहाड़ पार कर महिला के साथ उसके गांव पहुंची जहां लोगों की उनकी समस्याएं जानीं और उन्हें हल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान कलेक्टर के साथ एसडीएम प्रगति वर्मा, सीएमएचओ डॉ आर.एस. पांडेय, बीएमओ डॉ राजेश मिश्रा, तहसीलदार बुढ़ार दीपक पटेल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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सड़क, बिजली, पानी नहीं, राशन, पेंशन भी नहीं मिलती
कलेक्टर ने तुर्रा दलाम एवं लखबरिया के बैगा परिवार के घर पहुंची तथा बैगा परिवार के लोगों की समस्याओं को सुना। हिरैनी बैगा ने कलेक्टर को बताया कि हमारे गांव में सड़क, बिजली की बहुत ज्यादा समस्या है तथा हम गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करते हैं, हमें राशन कार्ड एवं वृद्धा पेंशन योजना की सुविधाएं नहीं मिल रही है। इस दौरान उन्होंने बताया कि हम बैगा महिलाओं को पोषण के लिए शासन द्वारा 1000 रुपए दिया जाता है, वह भी सुविधाओं से हम वंचित हैं। जिस पर कलेक्टर ने बैगा परिवार के सदस्यों को आश्वस्त किया कि उन्हें सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर एवं तहसीलदार को मौके पर ही राशन कार्ड में नाम, पेंशन योजना का लाभ तथा 1000 रुपए बैगा महिलाओं को पोषण के लिए नाम जोडऩे के निर्देश दिए।
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