शाहडोल

सोन के किनारे बसे गावों में तीन मीटर हर वर्ष नीचे खिसक रहा भू-जल स्तर , भविस्य में भयावह: जल संकट के संकेत

नदी से रेत उत्खनन का पड़ रहा प्रभाव

शाहडोलMay 05, 2019 / 08:43 pm

raghuvansh prasad mishra

सोन नदी के किनारे बसे गावों में तीन मीटर हर वर्ष नीचे खिसक रहा भू-जल स्तर , भविस्य में भयावह: जल संकट के संकेत

शहडोल.जिले की जीवन दायनी कही जाने वाली सोन नदी का अस्त्त्वि खतरे में है। जिसका असर नदी किनारे बसे गांवों में दिखने लगा है। सोन नदी में हो रहे रेता व कोयला उत्खनन से नदी की धार में विपरीत असर पड़ रहा है। जिन गावों में गर्मी के महीनों में जल स्रोत लबालब रहता था वहंा अब गर्मी के महीने में ही हैण्ड पम्प जवाब देने लगे है। नतीजन रहवासियों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिले की सीमा में नदी किनारे करीब 40 से अधिक गांवों की बस्ती है। जहां बारहों महीना नदी के पानी से खेती किसानी में हरियाली बनी रहती थी। लेकिन उत्खनन के चलते नदी का जल स्रोत हर साल तीन मीटर नीचे जा रहा है। जिसके कारण नदी के किनारे बसे गांवों के कुआं तलाब ठंडी में पानी से नाता तोड़ चुके है। लेकिन पिछले दो सालो से अधिकांश हैण्ड पम्प भी हवा उगलने लगे है। जिसकी फरियाद ग्रामीण प्रशासन से भी कर चुके है। लेकिन जिले में राजनीतिक ददासीनता के चलते उनकी आवाज की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
रीवा रोड में दियापीपर के पास रोहानिया के आस- पास के दर्जन भर गाव सोन नदी से रेत उत्खनन के चलते जल संकट से जूरू रहे है। रोहनिया घाट में मशीने से रेत निकलने से सोन नदी की हर साल दो से तीन मीटर गहराई बढ़ रही है। सोन के गहरी होने से कुआं तालाब का पानी से नाता टूटता जा रहा है। क्षेत्र के विष्णू प्रताप सिंह, राममणि शुक्ला, ्िरवजेन्द्र मिश्रा, कृष्णा गौतम, राम आसरय, महेन्द्र शर्मा, विनोद मिश्रा ने बताया कि रीवा रोड में रोहनिया, सोन टोला, दियापीपर, कर्री, हर्रहा टोला,डेड़हा डोल, सिलपरी,बरमनिया, झांपीडोल, असवारी, गोहपारू,पैलवाह,गोचकी, सकरिया, सेमरा, रामपुर, बरेली, करुआ,जरवाही पटासी में जल संकट हर साल गहराता जा रहा है। लेकिन प्रशासन राजस्व की लालच में आम आदमी की बुनियादी सुविधाओ को छीनता जा रहा है।सोन नदी के किनारे गांव-गांव में हैण्डपम्प से पानी न निकलने की शिकायत है। गिनती के लिए तो हैंण्डपम्पों की सख्या क्षेत्र में हजार से भी अधिक है। लेकिन जल स्तर नीचे चले जाने से अधिकांश हैंण्ड पंम्पो से पानी नहीं निकल रहा है। जिसकी शिकायत पंचायत से लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग से रोज हो रही है। जिनका निदान न होने पर हेल्पलाईन का सहारा लिया जा रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग उदासीनता बरत रहा है। जिसका खामियाजा आम जनता को जल संकट के रूप में झेलना पड़ रहा है।

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