सभी जानकारी के लिए करना होगा अलग-अलग पंजी का संधारण
शाहडोल•Apr 13, 2024 / 11:55 am•
shubham singh
निजी स्कूल संचालकों की मनमानी होगी खत्म, नोटिस बोर्ड व वेबसाइट पर प्रदर्शित करनी होगी हर एक गतिविधि
शहडोल. निजी स्कूलों की मानमानी की रोकथाम के लिए शुक्रवार को विभाग ने बैठक आयोजित की। बैठक में निजी स्कूल संचालकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मानस भवन में बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें डीपीसी अमरनाथ सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी पीएस मरपाची के साथ सभी बीआरसी,बीएसी व निजी स्कूल के संचालक उपस्थित रहे। बैठक में फीस वृद्धि, गणवेश, पाठ्यपुस्तक व वाहन किराया को लेकर चर्चा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि कोई भी निजी विद्यालय प्रबंधन शैक्ष्णिक सत्र के दौरान कोई नवीन शुल्क अधिरोपित नहीं करेेगा। निजी विद्यालय प्रबंधन को विद्यालय प्रवेश प्रारंभ की तिथि एवं प्रकिया, विद्यालय में उपयोग में लाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोट्र्स किट, ट्रांसपोर्ट सुविधा, फीस के साथ ही अन्य संग्रहित की जाने वाली धनराशि के विवरण के साथ ही विद्यालय की विवरण पुस्तिका एवं आवेदन पत्र प्राप्त करने के संबंध में भी आवश्यक जानकारी विद्यालय के सूचना पटल व वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा। ऐस न करने वाले स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी। बैठक के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने 19 अपे्रल को मतदान करने की शपथ भी ली।
जांच में मिली थी गड़बड़ी
निजी विद्यालय की मनमानी की जांच के लिए कलेक्टर ने चार सदस्यीय टीम का गठन किया हैै। टीम ने स्कूल, पुस्तक की दुकान व अभिवावकों से पूछताछ की। जांच में पाया कि स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक एनसीईआरटी की पुस्तक की जगह कुछ विशेष प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें चलाई जा रही हैं। जिससे अभिभावकों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई। जिसके बाद कलेक्टर के निर्देशन पर शुक्रवार को
निजी विद्यालय संचालकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए ।
स्कूल में यह पंजी होगी संधारित
निजी स्कूल संचालकों को अपने विद्यालय में नौ प्रकार की पंजी का संधारण करना होगा। जिसमें प्रवेश पंजी, फीस संग्रह पंजी, सभी सुसंगत लेजर के साथ खाता बही, कर्मचारी वेतन पंजी, चैक पंजी, भंडार पंजी, संपत्ति पंजी, विद्यालय प्रबंधन की बैठक व कार्रवाई पंजी के साथ ही शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश दिए जाने संबंधी पंजी का संधारण करना होगा।
प्रबंधन को इन बातों का करना होगा पालन
-संस्थाओं के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के कम से कम एक माह पूर्व पुस्तकों की सूची लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ अपने विद्यालय के सूचना पटल एवं अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें ।
-छात्र या अभिभावकों को पुस्तक, यूनिफॉर्म, टाई, जूते,कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं करेगा। अभिभावक सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने स्वतंत्र होंगे।
-विद्यालय प्रबंधन यूनिफॉर्म को छोडकऱ किसी भी पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम उल्लेखित नहीं करेगा।
-गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा। तीन वर्ष बाद ही गणवेश में परिवर्तन किया जा सकेगा।
-निजी विद्यालय प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगा।
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