बता दें कि बैगा समुदाय के लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। जिले के चिन्हित 7 गांवों में से 3 का नाम आवास पोर्टल में दर्ज हो गया है। साथ ही चार अन्य गांवों के लिए भी जनजातीय कार्यविभाग व जिला पंचायत ने संयुक्त रूप से पत्राचार किया है।
बचे हुए गांव भी जल्द ही पोर्टल से जुड़ जाएंगे। पोर्टल में नाम जुड़ने के साथ ही लोकेशन सही आने पर आवास योजना का लाभ बैगा हितग्राहियों को मिलना प्रारंभ हो जाएगा। जानकारी के अनुसार कई आदिवासी बाहुल गांवों का नाम व सही लोकेशन आवास प्लस पोर्टल में अपडेट न होने की वजह से हितग्राहियों के नाम सूची में होने के बाद भी उनके आवास स्वीकृत नहीं हो रहे थे। आवास न मिल पाने की वजह से बैगा परिवार कई बार प्रशासन के समक्ष गुहार लगा चुके थे।
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पोर्टल में जुड़वाया नाम
गांवों के नाम में लोकेशन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जनजातीय कार्य विभाग ने गांव-गांव सर्वे कराया। इसके बाद गांवों को चिन्हित इन इनकी लोकेशन व नाम आवास प्लस पोर्टल में दर्ज करने पत्राचार कर समस्या से अवगत कराया था। विभागीय पत्राचार के बाद त्रुटियों में सुधार करते हुए जिले के तीन गांवों का नाम आवास प्लस पोर्टल में दर्ज किया गया है।
इसमें जनपद पंचायत सोहागपुर के सेमरिहा,बुढ़ार के साबो और जनपद पंचायत गोहपारू के देवरी का नाम शामिल है। इसके अलावा जनपद पंचायत ब्यौहारी के गांजर, भमरहा-1, पसगढ़ी और गोहपारू के अटरियाटोला का नाम जोड़ने पत्राचार किया गया है।
आवास योजना का मिलेगा लाभ
आवास प्लस पोर्टल में नाम जुड़ने के साथ ही जनपद पंचायत बुढ़ार के ग्राम साबो में निवासी करने वाले बैगा हितग्राहियों के आवास स्वीकृत की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसके अलावा अन्य ग्रामों के हितग्राहियों को भी शीघ्र ही आवास योजना सहित जनमन योजना के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का आसानी से लाभ मिल सकेगा।
पत्रिका ने उठाया था लोकेशन का मुद्दा
आवास प्लस पोर्टल में गांव का नाम व लोकेशन दर्ज न होने से बैगा हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। इसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने गांव-गांव सर्वे कराया व गांवों को चिन्हित कर गांव का नाम व लोकेशन आवास प्लस पोर्टल में दर्ज कराने पत्राचार किया। पत्रिका की पहल के सार्थक परिणाम देखने मिल रहे हैं।