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312 करोड़ का भुगतान अटका, पंजीयन कराने वाले 5413 किसान नहीं पहुंचे उपज बेचने

समितियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी 37198 मेट्रिक टन धान, नहीं हुआ परिवहन

शाहडोलJan 18, 2025 / 11:54 am

Kamlesh Rajak

समितियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी 37198 मेट्रिक टन धान, नहीं हुआ परिवहन
शहडोल. जिले में धान परिवहन एवं भुगतान की लापरवाही ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बीते दो महीने से किसानों का 312 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। किसानों की इस समस्या से प्रशासनिक अधिकारी भी अनजान बने हुए हैं। यही कारण है कि 23 जनवरी अंतिम तिथि होने के बाद भी पंजीकृत 5413 किसानों ने अपनी धान नहीं बेची है। जिले में 433.97 करोड़ की धान खरीदी में किसानों को सिर्फ 121.95 करोड़ रुपए का ही भुगतान हो सका है। समिति स्तर से धान का उठाव व भुगतान को लेकर एनसीसीएफ की तरफ से बरती जा रही लापरवाही से किसान परेशान हैं। वहीं उपार्जन केन्द्रों में भी कई तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। जिले के दूर दराज के केन्द्रों में बीते 15 दिनों से बारदाना की आपूर्ति नहीं होने से किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं। वहीं शुक्रवार से अब स्लॉट बुकिंग भी बंद कर दी गई है, ऐसे में कई किसान स्लॉट बुकिंग के बाद भी निर्धारित समय पर अपनी धान केन्द्रों को नहीं सौंप पा रहे हैं।
23 जनवरी तक होनी है धान की खरीदी
धान उपार्जन के लिए जिले में 33992 किसानों को पंजीकृत किया गया था। किसानों से 190000 एमटी धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 2 दिसम्बर से शुरू हुई खरीदी में अब तक सिर्फ 28579 किसानों ने ही धान का विक्रय किया है। धान खरीदी की अंतिम तिथि 23 जनवरी तय की गई है। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शनिवार व रविवार को छोड़ दिया जाए तो तीन दिन में 5413 किसानों से 1300 एमटी धान का विक्रय करना है। अधिकांश उपर्जान केन्द्रोंं में बारदाने की कमी बनी हुई है। केन्द्र प्रभारी उप पंजीयक सहकारिता विभाग को बारदाना आवंटित कराने बीते 15 दिन से पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
188700 मेट्रिक टन धान की खरीदी
जिले में शक्रवार तक 188700 मैट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें गोदाम स्तर पर 86116 एमटी एवं समिति स्तर पर 102584 एमटी धान की खरीदी की गई है। इसमें परिवहनकर्ताओं की तरफ से 49278 एमटी एवं मिलर्स की तरफ से 16098 एमटी धान का उठाव किया गया है। वहीं समिति स्तर पर अभी भी 37208 एमटी धान खुले आसमान के नीचे असुरक्षित तरीके से रखी हुई है। शुक्रवार से फिर आसमान में बादल छाने लगे हैं। बारिश की संभावना भी जताई जा रही है। ऐसे में किसानों व केन्द्र प्रभारियों की ङ्क्षचता बढ़ गई है।
इनका कहना
किसानों को धान का भुगतान नहीं हो पा रहा है यह मामला मेरे सज्ञान में है, इस बात को शासन स्तर तक पहुंचा दिया गया है। भुगतान एवं परिवहन की प्रक्रिया तेज की जाए इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।
सुरभि गुप्ता, कमिश्नर शहडोल संभाग

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