पुलिस पड़ताल में पता चला कि, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की 18 वर्षीय छात्रा ने नवजात को जन्म दिया था। नवजात को एक दिन हॉस्टल में रखने के बाद बिन ब्याही मां को समाज के तानों का डर हुआ। इसपर उसने अपने ही बच्चे को जमीन पर पटक – पटककर मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं, छात्रा ने नवजात का शव हॉस्टल के पीछे ही कचरे में फेंक दिया था। मामले की जानकरी लगने पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया। पीएम रिपोर्ट में भी सामने आया था कि, नवजात की मौत सिर में गंभीर चोटें आने के करण हुई थी। मामले पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था।
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हॉस्टल की भूमिका संदिग्ध
पुलिस पड़ताल में पुलिस को पता चला कि, गोहपारू की एक युवती ने 18 नवंबर को बच्ची ने जन्म दिया था। एक दिन हॉस्टल में किसी तरह से रखी रही, लेकिन लोक लज्जा के डर से दूसरे दिन 19 नवंबर को नवजात को बाथरूम में लगी शीट में पटक कर मौत के घाट उतार दिया और हॉस्टल परिसर में फेंक दिया था। कोतवाली पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने छात्रा से शारीरिक संबंध बनाने वाले को भी गिरफ्तार किया है। वहीं इस पूरे मामले में हॉस्टल प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध नजर रही। अब सवाल ये है कि, जब नवजात एक दिन हॉस्टल में रही तो क्या किसी को इस बात की भनक नहीं लगी या फिर उसके इस अपराध को छिपाने में उन्होंने ने भी सहयोग किया। ये जांच का विषय है।
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क्या कहते है जिम्मेदार ?
मामले को लेकर कोतवाली प्रभारी संजय जायसवाल का कहना है कि, लोक लज्जा के डर से कथित युवती ने नवजात को मार दिया था। उसे गिरफ़्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी के खिलाफ भी मामला दर्ज कर संबंधित गोहपारू थाने में सुर्पद कर दिया गया है। फिलहाल, पुलिस आगामी जांच में जुटी है।
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