आपको बता दें कि, ये घटना जिले के नवलपुर-धनगवां मार्ग में सोन नदी पर निर्माणाधीन पुल की है। जहां मंगलवार को चार दिन पहले ही ढाला गया पुल का स्लैब धंसक गया। बताया जा रहा है कि, 28 मई को ईई ब्रिज कार्पोरेशन ने साइट विजिट की थी। इस दौरान उन्होने स्लैब ढालने से मना किया था। ईई का कहना था कि, बारिश का रिस्क है। इस संबंध में उन्होने लिखित आदेश भी जारी किया था।
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अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत
इस बीच 30 मई को आदेश जारी करे वाले संबंधित अधिकारी का ट्रांसफर हो गया। बताया जा रहा है कि, ईई के ट्रांसफर के बाद विभागीय अधिकारी और ठेकेदार ने मिलीभगत करते हुए आनन-फानन में 16 जून को स्लैब ढलवा दिया, जिसके परिणाम स्वरूप मंगलवार की सुबह पूरा का पूरा स्लैब बीच नदी में गिर गया। हालांकि, इलाके के लोगों का कहना है कि, गनीमत ये रही कि, जो होना था वो निर्माण के बीच ही हो गया। क्योंकि, अगर यही हादसा पुल के शुरु होने के बाद होता, तो इसमें जान का नुकसान होने की भी संभावनाएं बढ़ जातीं।
निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान भी बहा
आपको बता दें कि, पुल का स्लैब गिरने के कारण सिर्फ स्लैब का नुकसान ही नहीं हुआ, बल्कि इसके साथ ही, निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी के साथ साथ जरूरी सामग्री भी नदी में बह गई, जिसका खामियाजा ठेकेदार को मुगतना पड़ रहा है।