2.2 लाख हेक्टेयर से अधिक में होगी खेती
विभागीय जानकारी के अनुसार खरीफ फसल की खेती इस बार 2 लाख 2200 हेक्टेयर में किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें धान 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर, मक्का 8250, सोयाबीन 9500, तिल 9000, उड़द 9000, अरहर 10500 हेक्टेयर, ज्वार 500, के साथ ही कोदो कुटकी की खेती 8500 हेक्टेयर मे की जाएगी।
यूरिया व डीएपी की खपत ज्यादा
फसल की अच्छी पैदावार के लिए किसान उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं। धान व सोयाबीन में यूरिया व डीएपी का उपयोग ज्यादा किया जाता है। जिसके कारण इन उर्वरक की खपत अधिक होती है। जिले में किसानों को एनपीकेे खाद इस्तेमाल के बारे सही जानकारी नहीं होने से इसे लेने में दूरियां बनाते है। लेकिन कृषि विभाग डीएपी की जगह में एनपीके खाद का इस्तेमाल करने की जानकारी किसानों को बताकर खाद वितरण करती है।
जिले में खाद की यह है स्थिति
भंडारण
यूरिया
4176.17 एमटी.
सुपर फास्फेट
914.70 एमटी.
पोटाश
76.35 एमटी.
डीएपी
3658.85 एमटी.
एनपीके
1111.75 एमटी.
वितरण
731.35 एमटी.
खरीफ की फसल के लिए किसानों को उर्वरक की कमी नहीं होगी। समितियों के माध्यम से वितरण किया जा रहा है। शासन स्तर पर मांग पत्र भी भेजा गया है। किसानों को कमी न हो इसलिए मांग पत्र भी भेजा गया है।
अमर सिंह चौहान, उपसंचालक कृषि, शहडोल