ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी की समस्या के समाधान के लिए पीएचई से योजना की स्वीकृति की जानकारी मिली तो प्रसन्नता हुई। उक्त योजना के तहत गांव में बोर कराया गया, जहां से अच्छा पानी निकला। इससे हर ग्रामीण के चेहरें खिल गए। गांव में जब पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू हुआ तो सबको पानी मिलने की उम्मीद बढ़ गई, लेकिन अचानक निर्माणदायी कंपनी काम छोडकऱ गायब हो गई। इस संबंध में जब ग्रामीणों ने ‘पत्रिका’ को अपनी समस्या बताई तो इस संबंध में पीएचई अमले से बात किया गया तो उसने निर्माणदायी कंपनी के काम नहीं करने की बात कही। निर्माणदायी कंपनी से संपर्क किया गया तो उसने मजदूर नहीं मिलने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। अब गांव में दो दशक से चली आ रही समस्या के समाधान की दिख रही किरण धुंधलाने लगी है। ग्रामीणों ने फिर सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत की है।
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिनों से सीएम हेल्पलाइन पर की जाने वाली शिकायतों का उतना असर नहीं हो रहा है। उनकी माने तो शिकायत देखने वाले जिम्मेदार कुछ गड़बड़ी कर रहे हैं। खैर इसमें जो भी अभी तो ग्रामीणों को पानी की अत्यंत आवश्यकता है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सडक़ पर उतकर आंदोलन किया जाएगा। गौरतलब है कि यह ग्राम एनएच-44 के किनारे स्थिति है। यदि ग्रामीण एनएच पर उतर गए तो जिला प्रशासन के सामने नई मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
ठेकेदार काम नहीं कर पा रहा है। मोटर डालकर चालू करने का काम शेष है। उसने मोटर डालने के लिए बोला है। देखते है कब मोटर डालता है। ठेकेदार का दूसरा साइड भरी चल रहा है।