सिवनी. जिले में मेडिकल कॉलेज भवन बनाए जाने के लिए गुरुवार को अधिकारियों ने शहर सीमा से लगे तीन गांवों की शासकीय भूमि का स्थल निरीक्षण किया।
जिला मुख्यालय के आसपास लगे ग्राम क्षेत्रों में स्थल निरीक्षण करने मेडिकल डीन डॉ. तकी रजा, विधायक दिनेश राय, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, तहसीलदार प्रभात मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. केसी मेश्राम, सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीवास्तव, डॉ. नवकर, सीआईयू के एसडीओ, सब इंजीनियर, पटवारी पहुंचे। टीम ने ग्राम कंडीपार, करहैया व बींझावाड़ा की रिक्त पड़ी शासकीय जमीन का निरीक्षण किया।
इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि छिंदवाड़ा रोड स्थित ग्राम करहैया एमपी टूरिज्यम के पास लगभग 45 एकड़ भूमि है। ग्राम बींझावाड़ा में लगभग 40 एकड़ भूमि व ग्राम कंडीपार में लगभग 35 एकड़ जमीन रिक्त पड़ी है। इन तीनों गांवों की भूमि का स्थल परीक्षण के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इसके बाद जमीन चिकित्सा शिक्षा मेडिकल विभाग को आवंटित होगी तथा पीआईयू द्वारा आगे का कार्य किया जाएगा।
125 किलोमीटर दूरी होना चाहिए
सामान्यत: यह नियम है कि एक मेडिकल कॉलेज से दूसरे मेडिकल कॉलेज की दूरी लगभग 125 किलोमीटर की होना चाहिए। जिसके चलते ग्राम करहैया में अगर में मेडिकल कॉलेज बनेगा तो छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज और यहां की दूरी महज 60 किलोमीटर की होगी। ऐसे में ग्राम कंडीपार की भूमि कई मायने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कंडीपार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने से यहां से जबलपुर की दूरी 125 किलोमीटर से अधिक की होगी। तथा शहर के समीपस्थ स्थान भी कंडीपार है। इसके साथ ही यहां के आसपास पहाड़ी व रमणीय स्थल भी सभी को लुभा रहा है। जबलपुर दिशा की ओर स्थित ग्राम कंडीपार जबलपुर मेडिकल कॉलेज और छिंदवाड़ा मेडीकल कॉलेज की दूरी के हिसाब से सबसे ज्यादा उपर्युक्त स्थान ग्राम कंडीपार ही फिलहाल सामने आ रहा है।
हालांकि जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने की खबर से ही जिलेवासियों में हर्ष व्याप्त है। वहीं इससे जिले के गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों को अब महानगरों की ओर उपचार कराने जाने-आने से छुटकारा मिलेगा।