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सीहोर

सीएम के अल्टीमेटम के बाद भी नहीं पहुंचा पानी, पेड़ों की डालियों पर लटक रहे सूखे नलों के पाइप

– सीएम की नाराजगी के बाद भी नहीं पहुंचा जैत में पानी, कलेक्टर ने गांव का किया दौरा..
 

सीहोरDec 03, 2021 / 10:11 pm

Shailendra Sharma

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सीहोर/शाहगंज. जैत वैसे तो सीहोर जिले के दूसरे गांवों की तरह 1500 की आबादी वाला एक सामान्य गांव है, लेकिन इसका महत्व जिले से दूसरे गांवों से ज्यादा है। इसकी मुख्य वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी गांव की माटी में खेलकूद कर बड़े हुए हैं। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार के मुख्यमंत्री हैं, पूरा प्रदेश उनका है, लेकिन अपने गांव जैत से उनका लगाव अभी भी बचपन जैसा ही है। जैत गांव का जब भी कोई मसला आता है, सीएम खुद व खुद गंभीर हो जाते हैं, लेकिन इस बार उनकी यह गंभीरता अफसरशाही के सामने फीकी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 6 नवंबर को गृह गांव जैत पहुंचे, यहां पर उन्होंने जन चौपाल लगाकर ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं। जन चौपाल में सीएम को बताया गया कि गांव के नल सूखे पड़े हैं, पानी नहीं आ रहा है। सीएम को यह बात खल गई और उन्होंने मंच से पीएचई के अफसरों को जमकर फटकार लगाई। 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए पूरे गांव में पेयजल सप्लाई बहाल करने के निर्देश दिए, कलेक्टर और कमिश्नर को पाबंद किया कि वह जांच कर रिपोर्ट करें।

 

अल्टीमेटम खत्म अभी तक नहीं पहुंचा पानी
सीएम के अल्टीमेटम के हिसाब से 21 नवंबर को जैत गांव के घर-घर में पानी पहुंचना था, लेकिन यहां अभी भी सूखे नल के पाइप पेड़ की डालियों से बंधे हुए हैं। शुक्रवार को पत्रिका टीम ने जैत गांव पहुंचकर नर्मदा-बनेटा परियोजना और सीएम के अल्टीमेटम के बाद गांव में पेयजल सप्लाई की स्थिति देखी। पत्रिका टीम जिस जगह जैत गांव पहुंची, हालात चौंकाने वाले थे। हां, इतना जरूरत है कि कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर निरंतर जैत की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कलेक्टर ठाकुर गांव का दौरा करते मिले, पीएचई के अफसर साथ थे, कलेक्टर ने गांव में पेयजल सप्लाई के लिए दोबारा बिछाई जा रही पाइप लाइन की स्थिति देखी। पीएचई के इइ एमसी अहिरवार से कार्य की प्रगमि रिपोर्ट ली। सीएम के निर्देश के बाद गांव में पानी अभी तक नहीं पहुंचा है, गांव में पानी पहुंचाने की कवायद चल रही है। बनेटा फिल्टर प्लांट स्थित टंकी से जैत गांव में बनी पानी की टंकी को भरने के लिए फिर से जीआई पाइप की लाइन डाली गई है। हालांकि गांव के सूखे नलों में पानी पहुंचने में अभी करीब एक सप्ताह का समय और लगेगा।

 

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सीएम ने क्या कहा था 6 नवंबर को जैत में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 नवंबर को गृह गांव जैत का दौरा किया था और गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं थीं। चौपाल में जैत और सोमलवाड़ा के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि नलजल योजना के तहत पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। अपने गांव जैत में पानी की सप्लाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नाराज हो गए थे और उन्होंने मंच से पीएचई के कार्यापालन यंत्री को सामने खड़ा कर जमकर फटकार लगाई थी । मुख्यमंत्री ने पीएचई इइ एमसी अहिरवार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि ‘तुम कर क्या रहे हो, नलों की एक-एक टोटी मुख्यमंत्री चेक करेगा? पानी आ रहा है कि नहीं? 15 दिन का समय दे रहा हूं। पूरा चेक कर ठीक करो । कलेक्टर और कमिश्नर खुद जाकर देखें और मुझे रिपोर्ट करें। इसके बाद कहीं से शिकायत आई तो फिर खैर नहीं। एक-एक को सही कर दूंगा। क्या अब मुख्यमंत्री हम्माली करेगा? शिवराज ने कहा- मेरे ही क्षेत्र में सब जगह पानी नहीं जा रहा है। एक-एक आवेदन मैं कहां तक देखूंगा? यह मेरा काम है क्या? एक साथ आवेदन दे रहा हूं और फिर पूछूंगा। नर्मदा का पानी लाने में सरकार ने इतना पैसा इन्वेस्ट किया है। आधे गांव में पानी, आधे में पानी नहीं। फिर इसका क्या मतलब है। सीएम के इतनी नाराजगी व्यक्त करने के बाद भी जैत गांव में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है।

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