शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर कलेक्टर से मिलकर सीहोर जिले में सोयाबीन की फसल नुकसान के संबंध में ज्ञापन देकर शीघ्र सर्वे कराकर उचित मुआवजे की व्यवस्था की मांग की। शिवराज ने कहा- मैंने किसानों की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। मैं आपके हक की लड़ाई आपके साथ मिलकर लड़ूंगा और हम मिलकर कोशिश करेंगे कि सरकार झुके और किसानों को उनका जायज़ हक दे। मुझे इसमें आपका सहयोग चाहिए। किसानों की फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसका सर्वे करके सरकार तुरंत राहत और मुआवजा दे। साथ ही फसल जीवन बीमा की जो राशि है, वह भी प्रशासन दिलवाने की पहल करे।
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा- मुझे पता चला है कि पूरे प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर कहीं अफलन, कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मेरा आपसे आग्रह है कि अगर आपकी फसल को नुकसान पहुंचा हो तो पूरे विवरण के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे भेजिए। मैंने किसानों की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और उनका हक दिलाकर रहूंगा।
शिवराज सिंह ने कहा- सीहोर में बाढ़ आई थी और इसमें कई घर तबाह हो गये थे। सरकार ने 5 हज़ार रुपये राहत राशि देने की घोषणा की है, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। मैं मुख्यमंत्री जी से बात करूंगा कि गरीबों को उचित मुआवजा दिया जाये ताकि वे अपने घरों को ठीक कर उसमें वापस जा सकें। कमलनाथ सरकार के मंत्री किसानों की समस्याओं पर सिर्फ औपचारिकता कर रहे हैं, फिर कैबिन में बैठकर बयानबाज़ी। एक भी अफसर फसलें देखने नहीं गया। पहले एक बार किसानों के खेतों में उतरें, माटी में अपने पैर सनाएं, फसलों में हाथ लगाएं, तब पता चलेगा किसान का दुःख-दर्द व पीड़ा क्या होती है।