आपको बतादें कि मध्यप्रदेश के सीहोर में स्थित कुबेरेश्वर धाम पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने 16 से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष महोत्सव और संगीतमय कथा का आयोजन रखा था, जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए, यहां कथा के पहले दिन ही 10 लाख से अधिक लोग पहुंच गए थे, इस कारण हाइवे पर भी लंबा जाम लग गया था, वहीं लोगों को रहने, खाने और पीने के पानी तक के लिए परेशान होना पड़, पिछले 6 दिनों में कुबरेश्वर धाम में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में लाखों लोग सीहोर से वापस लौट गए, लेकिन जो बचे थे उन्हें भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
हालांकि पिछले 6 दिनों में एक भी दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीहोर में हुई अव्यवस्था का जिक्र नहीं किया, लेकिन कथा के अंतिम दिन उन्होंने मंच से सीहोर में उनके नाम पर हुए धंधे को लेकर दु:ख व्यक्त किया। पंडित प्रदीप मिश्रा बोले की लोगों ने मेरे नाम की मिट्टी भी लोगों को बेच दी, मेरा मन बहुत दु:खी है।
दरअसल इस बार पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर में हुए आयोजन के दौरान लोगों ने पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम पर जमकर कमाई की, देशभर से आए श्रद्धालुओं को कुबेरेश्वर धाम की मिट्टी बताकर 250-250 रुपए में पैकेट बेचे, उनसे कहा गयाकि इस मिट्टी से घर जाकर शिवलिंग बनाएंगे तो आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे, इस बार श्रद्धालुओं से एक एक पानी की बोतल के 150-150 रुपए वसूले गए, हैरानी की बात तो यह है कि जो श्रद्धालु बाहर से आए थे, उनसे 300-300 रुपए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन तक छोडऩे के लिए गए, इसी प्रकार खाने पीने की अन्य चीजों में भी श्रद्धालुओं से मोटी कमाई की गई। पंडित प्रदीप मिश्रा उनके नाम पर हो रहे कारोबार से दु:खी हो गए हैं। लोग महज उनका फोटो लगाकर भी पैसे कमाते नजर आए। क्योंकि भोलेभाले लोगों को क्या मालूम की कौन सी चीज उनके द्वारा बेची जा रही है या नहीं, वे तो सीहोर आने के बाद ये सोचने लगे कि यहां तो सबकुछ पंडित प्रदीप मिश्रा की जानकारी से हो रहा होगा।