प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मंगलवार को सीहोर ( sehore ) जिले के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने तहसील ऑफिस का औचक निरीक्षण किया था। स दौरान उन्होंने कई दस्तावेजों की जांच की इस दौरान अनियमिता पाई गई जिसके बाद मंत्री ने कलेक्टर को आदेश दिया था कि तत्काल प्रभाव से तहसीलदार को निलंबित किया जाए। इस मामले में अब कलेक्टर ने तहसीलदार को निलंबित करने के मामले में कहा कि वो तहसीलदार का निलंबन उनके कार्यक्षेत्र से बाहर है राज्य सरकार तहसीलदार को निलंबित कर सकती है।
मंत्री पर लगाया गया आरोप
सुधीर सिंह कुशवाहा को निलंबिन के निर्देश के बाद। राजस्व अधिकारी मंत्री के फैसले के खिलाफ लामबंद हो गए और हड़ताल की धमकी दी है। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने आरोप लगाया कि मंत्री ने न्यायलीन गरिमा का हनन किया है। संघ का कहना है कि मंत्री मंगलवार को तहसीलदार कोर्ट परिसर में पहुंचे और वो यहां तहसीलदार के डायस पर जाकर बैठ गए। डायस में बैठने के बाद से मंत्री विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं।
इस मामले में मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने न्यायलीन गरिमा का हनन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मैं तहसीलदार के डायस पर नहीं बैठा था। इसे भी पढ़ें- मंत्री ने कहा- बाहर गर्मी बहुत है कूलर और एसी की हवा में शराब पीएं, सड़क पर खड़े होकर नहीं
मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने लेटर जारी करते हुए कहा मंत्री द्वारा डायस पर बैठकर न्यायलीन व्यवस्था का हनन किया गया है। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने कहा है कि अगर तहसीलदार के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई तो मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ इसका विरोध करेगा।