सीहोर

धुआंधार से भी सुंदर है अमरगढ़ का जलप्रपात

प्राकृति की वादियों के बीच जलप्रपात को देखने बड़ी संख्या में पहुंच रहे पर्यटक।

सीहोरSep 07, 2017 / 03:35 pm

आसिफ सिद्दीकी

Amargad waterfall is also beautiful than dhunadhar

सीहोर/शाहगंज. नगर से करीब 13 किमी दूर भोपाल मार्ग के दहोटा घाटी पर प्रसिद्ध प्राकृतिक जल प्रपात आश्चर्य का केन्द्र है। घने जगंल में पत्थरों के बीच कल-कल की ध्वनि करते हुए झरने की आवाज यहां से गुजरने वाले राहगिरों को अनायास ही अपनी और आकर्षित कर लेती है। यहां सौ फीट से भी अधिक उंचाई से जल गिरता है जिसका मनोरम दृश्य प्राकृति प्रेमियों के हृदय को आनंदित करता है। यह दृश्य इतना मनोहर है कि इसका आनंद लेने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह प्रपात जिस कुंड में विसर्जित होता है वह इतना गहरा है कि उसकी थाह लेना कठिन है। अमर गढ़ का प्राकृतिक सौंदर्य ही है जो यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा कर रहा है। यहां पर पानी निरंतर प्रवाहमान है।

आदिम सभयता के मिलते हैं अवशेष
अमरगढ़ स्थल ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यहां पूर्व में मानवीय सभ्यता अवश्य रही होगी इस तथ्य के अवशेष आज भी यहां मिलते हैं। यहां की गुफाओं में आज भी पुराकाल के शैलचित्र देखे जा सकते हैं। बड़ी-बड़ी शिलाओं पर तीर-कमान व वन्य प्राणियों की आकृति वाले चित्रों को देखकर यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि पुराकाल में मानवीय सभ्यता अवश्य ही यहां रही होगी। यहां पर निर्मित गुफाओं के पत्थर पर बने शिला चिन्ह जिनमें रथ की लकीरे बनी हैं किसी अज्ञात तथ्य की ओर संकेत करती हैं।

वनस्पतियों और वन्य प्राणियों से है सुशोभित
राता-पानी अभ्यारण्य में स्थित यह स्थल अपनी दुर्लभ असंख्य वनस्पतियों और वन्य प्राणियों से सुशोभित है। इस स्थल का विकास और संरक्षण आज भी एक चुनौती है। इस स्थल का व्यापक शोध कार्य अपेक्षित है। इस स्थल को प्रदेश के रहस्यपूर्ण दर्शनीय स्थलों में सम्मलित करने व इस प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदेश के पर्यटन के पटल पर लाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

क्या कहते हैं लोग
– अमर गढ़ का जल प्रपात मन मोहने बाला है इसके संरक्षण के संदर्भ में प्रदेश सरकार को अवश्य ही पहल करना चाहिए।
पारस जैन, शाहगंज
विंद्याचल पहाड़ी पर स्थित अमरगढ़ झरना मनमोहक है, सरकार को इसे पर्यटन स्थल घोषित करने के लिए पहल करना चाहिए। जिससे यहां सुविधाओं का इजाफा हो सके।
नितिन तिवारी, शाहगंज
मैं अमर गढ़ कई बार गया हूं, लेकिन वहां तक जाने के लिए कच्चा रास्ता तय करना पड़ता है, जिससे बारिश के दिनों में कठनाई आती है।
प्रशांत गौर, शाहगंज

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