किरोड़ीलाल मीना ने इस वजह से दिया था इस्तीफा
किरोड़ीलाल मंत्री बनने के बाद विभागों के बंटवारे से नाखुश चल रहे थे। उन्हें कृषि विभाग की जिम्मेदारी तो मिली लेकिन कृषि विपणन नहीं मिला। ग्रामीण विकास दिया, लेकिन पंचायतीराज विभाग 5 मंत्रियों में बांट दिया। दूसरी तरफ समर्थक चाहते थे कि किरोड़ीलाल मीना डिप्टी सीएम बने। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका था। उधर किरोड़ी मीना के समर्थक लगातार उप मुख्यमंत्री नहीं बनाने पर मंत्रिमंडल में नहीं रहने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके अलावा दौसा लोकसभा सीट से किरोड़ी अपने भाई जगमोहन को टिकट दिलवाना चाहते थे, लेकिन बात नहीं बन पाई थी। ऐसे में किरोड़ीलाल मीना और उनके समर्थकों में नाराजगी थी। इसी बीच मंत्री किरोड़ीलाल ने इस्तीफा दिया था। इस्तीफे को लेकर किया स्पष्ट, कहा- ‘…उन्होंने साथ नहीं दिया’
मंगलवार को जलभराव वाले क्षेत्रों का जायजा लेते वक्त एक बार फिर किरोड़ीलाल मीना का दुख छलकता हुआ प्रतीत हुआ। इस्तीफे को लेकर उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया है। लोगों के मध्य 45 साल से साथ हूं, इसलिए पीड़ा की घड़ी में उनके साथ हूं। उनकी न तो सत्ता से गांठ है न ही संगठन से कोई शिकायत। मुझे से खुद से शिकायत है, कि जिनके लिए 45 साल दिए, उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया। उपनेता प्रतिपक्ष
रामकेश मीना के कटाक्ष कि डॉ. किरोड़ी के कारण ही विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक मेजे थपथपा रहे हैं और भाजपा ने ही उनको अलग-थलग कर दिया पर जवाब दिया कि अकेले व्यक्ति की यह वश में नहीं है। संगठन विचारधारा से चलता है। मीना ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।