जरूरत तीन की कर्मचारी एक
यदि वन चौकियों की बात की जाए तो रणथंभौर में दो सौ से अधिक चौकियां हैं। यहां नियमानुसार एक चौकी पर वन चौकी पर तीन वनकर्मियों की आवश्कता है, लेकिन वहां एक ही वनकर्मी कार्यरत है। इसके चलते नेशनल पार्क में अवैध शिकार, चराई, कटाई को रोक पाना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। साथ ही वन विभाग की कई चौकियां तो खाली ही पड़ी हुई हैं।वनरक्षकों के 70 पद रिक्त
रणथंभौर में वन रक्षक के 123 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 70 पद रिक्त हैं। सहायक वनपाल के 24 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 5 पद खाली हैं। इसी तरह वनपाल के 11 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 4 पद रिक्त हैं। पहले रणथंभौर नेशनल पार्क में 130 वर्क चार्ज कर्मचारी कार्यरत थे। इसमें से 50 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब यहां पर 80 वर्कचार्ज कर्मचारी कार्यरत हैं। पहले जहां रणथंभौर में 252 कर्मचारी थे, जिनमें अब 123 कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं।यह है नियम
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर दस किमी के क्षेत्र में वन्यजीवों की ट्रेकिंग व मॉनिटरिंग के लिए दो फोरेस्ट गार्ड की दरकार होती है। साथ ही एक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए कम से कम एक वनकर्मी होना चाहिए लेकिन रणथंभौर में बड़ी संख्या में वनकर्मियों के पद रिक्त होनेके कारण वर्तमान में औसतन दो बाघों की मॉनिटरिंग के लिए एक ही वनकर्मी उपलब्ध है। ऐसे में वन विभाग की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।दिवाली पर हर किसी को घर जाने की जल्दी, कहीं जान पर भारी ना पड़ जाए ये लापरवाही
सरकार का है भर्ती का काम
उच्चाधिकारियों को इस बारे में कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। रणथंभौर में स्टाफ की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। भर्ती का काम सरकार का है।–रामानंद भाकर, उपवन संरक्षक, रणथंभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।