15 से अधिक ट्रेनों का होता है संचालन
अभी साप्ताहिक व नियमित सभी ट्रेनों को मिलाकर जयपुर से सवाईमाधोपुर के बीच करीब 15 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। हालांकि इनमें नियमित चलने वाली ट्रेनें मात्र पांच ही हैं, लेकिन अन्य ट्रेनों को अलग-अलग गंतव्य के लिए साप्ताहिक या फिर सप्ताह में दो से तीन दिन संचालित किया जा रहा है।कई ट्रेनें सिर्फ नाम की एक्सप्रेस
इस रूट पर रेलवे ने कई पैसेंजर ट्रेनों को भी एक्सप्रेस घोषित कर रखा है। इनमें बयाना-जयपुर एक्सप्रेस, जोधपुर-भोपाल एक्सप्रेस का सवाईमाधोपुर से जयपुर के बीच हर छोटे स्टेशन पर ठहराव किया जाता है। वहीं जयपुर-सुपरफास्ट सहित अन्य सुपरफास्ट लाइन क्लियर नहीं होने के चलते प्रतिदिन छोटे स्टेशनों पर रुक रही हैं।प्रतिमाह करीबन 1.80 लाख यात्री भार
पूर्व में सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन को हैरिटेज स्टेशन का दर्जा भी रेलवे की ओर से दिया जा चुका है। कोटा मण्डल में कोटा के बाद सवाईमाधोपुर सबसे अधिक यात्री भार और राजस्व देने वाला रेलवे स्टेशन है। इसका मुख्य कारण सवाईमाधोपुर में रणथभौर राष्ट्रीय उद्यान का होना है। स्थानीय रेलवे स्टेशन का औसत यात्री भार प्रतिदिन करीब छह हजार के आसपास है। रेलवे को प्रतिदिन करीब 7 लाख रुपए अर्थात माह में 2 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है।इसलिए जरूरी…देशभर से आते लोग
जयपुर सवाईमाधोपुर रूट पर रणथंभौर, त्रिनेत्र गणेश मंदिर, चौथ का बरवाड़ा चौथमाता, शिवाड़ घुश्मेश्वर महादेव मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों और वनस्थली जैसे शैक्षणिक संस्थान है। रेलवे ट्रेक दोहरीकरण देश-प्रदेश भर से आने वाले लोगों की बेहतर कनेक्टिविटी होगी, जिससे पर्यटन, धार्मिक और गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।ट्रेक- नए नजर
लंबाई: 131.27 किलोमीटरअनुमानित लागत: 1,268.57 करोड़
निर्माण अवधि: परियोजना का निर्माण कार्य 2029-30 तक पूरा करना है, लेकिन कार्य शुरू नहीं यह सही है कि अब तक जयपुर- सवाईमाधोपुर रेललाइन के दोहरीकरण का काम शुरू नहीं हुआ है। साथ ही पूर्व में कोविड के दौरान एक्सप्रेस घोषित की गई पैसेंजर ट्रेनों के किराए में भी कमी नहीं की गई है। यह सब निर्णय उच्च स्तर पर किए जाते हैं।
लोकेन्द्र मीणा, स्टेशन अधीक्षक, सवाईमाधोपुर