आए दिन बना रहता है मूवमेंट
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन एरोहैड और उसके शावकों का मूवमेंट आए दिन रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र में बना रहता है। आम तौर पर बाघिन का मूवमेंट झालरा वन क्षेत्र में रहता है। यह क्षेत्र रणथम्भौर दुर्ग से सटा हुआ है। करीब छह माह पूर्व भी बाघिन एरोहैड रणथम्भौर दुर्ग स्थित संग्रहालय के पास स्थित बगीचे में आ गई और कई दिनों तक मूवमेंट रहा था।
मौके पर तैनात वन विभाग की टीम
शावक के मूवमेंट की सूचना पर आनन फानन में गणेश धाम, जोगी महल आदि स्थानों पर तैनात वनकर्मियों को मौके पर भेजा गया। वर्तमान में भी एरोहैड और उसके शावकों का मूवमेंट दुर्ग के आसपास ही बना हुआ है। इस कारण बाघिन और शावकों की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर ने रणथम्भौर बाघ परियोजना की मशहूर बाघिन एरोहैड यानि टी-84 अब स्वस्थ है और लगातार पर्यटकों को नजर आ रही है। मंगलवार को भी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के जोन नंबर तीन में बाघिन अपने शावकों के साथ नजर आई। इसे देखकर वन्यजीव प्रेमी खुश दिखे।
जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम सुबह जंगल में गश्त कर रही थी। वहीं एडवांस बुकिंग वाले पर्यटक भी जंगल गए थे। इसी दौरान उन्हें बाघिन टी-84 एरोहेड नजर आई। यहां बाघिन के साथ उसके तीनों शावक भी दिखाई दिए। इसका वन्यकर्मियों की ओर से वीडियो भी बनाया गया। वन विभाग ने बताया कि बाघिन ऐरोहेड व उसके शावक सकुशल और स्वस्थ हैं।
पिछले साल बनी थी मां
बाघिन ऐरोहेड पिछले जुलाई माह में मां बनी थी। बाघिन 25 जुलाई 2023 को तीन शावकों के साथ दिखाई दी थी। बाघिन की उम्र करीब सवा दस साल है और बाघिन अब तक चार बार मां बन चुकी है। बाघिन चार बार में 10 शावकों को जन्म दे चुकी है। फिलहाल बाघिन अपने चौथे लिटर के तीनों शावकों को वाइल्ड लाइफ ट्रेनिंग दे रही हैं। बाघिन के तीनों शावकों की उम्र सवा साल है। शावक का मूवमेंट गणेश मंदिर मार्ग की तरफ था। इस दौरान हमले में युवक के खरोंच आ गई थी। वनविभाग की टीम मॉनिटरिंग कर रही है।