जंगल में पैंथर के हमले से ही हुई महिला की मौत
रणथम्भौर से निकलकर टेरेटरी की तलाश में धौलपुर होकर एमपी के कूनो अभयारण्य में पहुंचे बाघ टी-136 की वापसी का फैसला अब वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन व एनटीसीए की ओर से किया जाएगा।
सवाई माधोपुर•Dec 02, 2023 / 02:47 pm•
Nupur Sharma
Ranthambore National Park: रणथम्भौर से निकलकर टेरेटरी की तलाश में धौलपुर होकर एमपी के कूनो अभयारण्य में पहुंचे बाघ टी-136 की वापसी का फैसला अब वन विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन व एनटीसीए की ओर से किया जाएगा। इस संबंध में स्थानीय वनाधिकारियों ने उच्चाधिकारियों व नेशनल टाइगर कनजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को अवगत करा दिया है। गौरतलब है कि बाघ टी-136 अगस्त 2022 से ही रणथम्भौर से बाहर है और यह बाघ पूर्व में नवम्बर में एक बार एमपी के जंगलों में जाकर वापस धौलपुर लौट आया था। इसके बाद मई 2023 में एक बार फिर यह बाघ एमपी के कूनो नेशनल पार्क में नजर आया था। इसके बाद से ही बाघ की लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। हालांकि गत दिनों यह बाघ कूनो में एक बार फिर वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुआ था। इसके बाद से ही एमपी वन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर बाघ की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। वनधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर से पूर्व में भी बाघ-बाघिन टेरेटरी की तलाश में एमपी के जंगलों में जा चुके है। विशेषज्ञों की माने तो चीते बाघ का मुकाबला नहीं कर सकते। ऐसे में यदि बाघ टी-136 चीतों के नजदीक जाता है और चीतों को बाघ से खतरा होने की आशंका नजर आती है तो फिर बाघ को फिर से रणथम्भौर भी लाया जा सकता हैं।
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Hindi News / Sawai Madhopur / एनटीसीए और उच्चाधिकारियों पर है टी-136 की किस्मत का फैसला