सबसे अधिक करौली-धौलपुर से होंगे विस्थापित
टाइगर रिजर्व के आसपास बसे गांवों के विस्थापन की समस्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब भी प्रदेश के पांचों टाइगर रिजर्व को मिलाकर कुल 106 गांवों को विस्थापित किया जाना है। सबसे अधिक गांव हाल ही में घोषित किए गए करौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व में विस्थापित किए जाने हैं। इसमें कुल 43 गांवों को विस्थापित किया जाना प्रस्तावित है। वहीं, सरिस्का में 29 गांवों को शिफ्ट किया जाना है। इस संबंध में अगले महीने एक उच्च स्तरीय बैठक जयपुर में होनी है।विस्थापन इसलिए जरूरी
रणथम्भौर और प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में वर्तमान में लगातार बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में बढ़ती बाघों की संख्या और गांवों का विस्थापन नहीं हो पाने के कारण टाइगर रिजर्व में बाघों के लिए जगह कम पड़ रही है। बाघ बार-बार टेरेटरी की तलाश में जंगल के बाहर आबादी क्षेत्र की ओर आ रहे हैं। ऐसे में बाघ और मानव के बीच संघर्ष की आशंका बढ़ रही है।रणथंभौर की दूसरी सबसे बड़ी रेंज में 6 साल में कब-कब हुई बाघों की मौत, जानें
इनका कहना है…
यह सही है कि रणथम्भौर सहित प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में अभी कई गांवों को विस्थापित किया जाना है। विभाग की ओर से इस संबंध में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।-रणवीर सिंह भण्डारी, उपवन संरक्षक (विस्थापन), रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।