उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि वे पूर्वी
राजस्थान की सातों सीटें जिताएंगे, लेकिन जहां से वे एमएल हैं, वह सीट भी हार गए। इसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया भी, लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार ही नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे सच्चे मन से जनता की सेवा करना चाहते हैं। इसलिए इस्तीफा दिया।
बता दें कि प्रदेश सरकार में मंत्री पद के गठन के समय से डॉ. किरोड़ीलाल को जब पद मिला तो कई दिनों तक उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की थी। तब भी मंत्री पद को लेकर उनकी नाराजगी सामने आई थी।
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