सत्यापन के बाद एसीबी ने यूं बिछाया जाल
एसीबी के एएसपी सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि परिवादी की शिकायत पर १२ दिसम्बर को गोपनीय रूप से सत्यापन कराया गया। इस दौरान रिश्वत मांग का सत्यापन गोपनीय रुप से कराया गया। सत्यापन के दौरान आरोपी रेंजर ने पीडि़त से प्रति डम्पर पांच हजार रुपए रिश्वत की राशि की मांग की तथा अपने चालक का मोबाइल नम्बर देकर उससे संपर्क कर पांच हजार रुपए रिश्वत की राशि देने को कहा। पुष्टि होने पर गुरुवार को पांच हजार रुपए रिश्वत की राशि लेते आरोपी रेंजर के चालक रामजीलाल को रंगे हाथों पकड़ा गया। बाद में आरोपी रेंजर को पूछताछ कर पकड़ा गया। मौके से रिश्वत की राशि बरामद की जा चुकी है। कार्रवाई के दौरान एसीबी निरीक्षक विवेक सोनी तथा भोलाराम, हम्मीर सिंह, रमेश कुमार, मनोज कुमार, संजय कुमार आदि मौजूद थे।
धौलपुर व फलौदी में सरकारी आवास की तलाश जारी
एसीबी एसपी शर्मा ने बताया कि आरोपी रेंजर मीणा के फलौदी रेंज कार्यालय स्थित सरकारी आवास की जांच की गई। इस दौरान उसके आवास में रिश्वत संबंधी दस्तावेज व अन्य नकदी की तलाश की जा रही है। वहीं रेंजर के बाड़ी धौलपुर स्थित घर की धौलपुर एसीबी की ओर से सर्च तलाशी अभियान जारी है।
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क्षेत्र में कमीशन खोरी के चलते बजरी के बढ़ते दामों को लेकर राजस्थान पत्रिका ने १० दिसम्बर के अंक में कमीशन के खेल में पांच साल में चार गुणा बढ़े अवैध बजरी के दाम शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। साथ ही बताया कि पिछले पांच साल में बजरी के दाम किस तरह ९०० रुपए से बढ़कर तीन हजार पहुंच गए, जबकि डीजल के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसके बाद भी माइनिंग विभाग व पुलिस नहीं चेती।
प्रकृति संरक्षण को अवैध बजरी खनन पर नकेल जरूरी अवैध बजरी खनने को लेकर गत दिनों पत्रिका ने श्रृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाया था और बताया था कि अवैध बजरी कई जगह राजस्व क्षेत्र व नदी तटों से बेरोकटोक निकाली जा रही है। वहीं आबादी क्षेत्र में इनका बड़े पैमाने पर इसका स्टॉक किया जा रहा है। इससे आमजन प्रभावित हो रहा है। कहीं-कहीं तो यह अवैध बजरी खनन के वाहन पुलिस थानों व चौकियों के बाहर से बेरोकटोक गुजर रहे हैं और आबादी क्षेत्र में हादसों का कारण भी बन रहे हैं। फिर भी इन पर रोक को लेकर कोई नकेल कसी नहीं जा रही है। अवैध बजरी खनन पर रोक से न केवल हादसों में कमी आएगी, बल्कि प्रकृति संरक्षण के साथ हम नदियों का अस्तित्व भी बचा सकेंगे।